अमृतसर रेल हादसा: चश्मदीदों ने बयां किया दर्द (VIDEO)

Saturday, Oct 20, 2018 - 09:40 AM (IST)

अमृतसर: अमृतसर हादसे में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 40 लोग घायल बताए जा रहें हैं। यह हादसा पंजाब में अब तक का सबसे बड़ा हादसा है। रेलवे ट्रेक के करीब दशहरा मेला के दौरान यह हादसा हुआ। रावण के पुतले के दहन के दौरान यह हादसा हुआ। रेलवे ट्रेक पर बिखरे मृतकों के शव हादसे की कहानी बयां कर रहे हैं। 

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जिस वक्त ये तज रफतार ट्रेन घटनास्थल से गुजरी, बहुत सारे लोग ट्रैक पर बैठकर और खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। कुछ मोबाइल फोन पर रावण दहन की वीडियो बना रहे थे। बताया जा रहा है कि जब रावण के पुतले को आग लगाई गई तो मंच से लोगों से पीछे हटने की अपील की गई। इस वजह से भी काफी लोग मैदान से पीछे हटकर रेलवे ट्रेक पर चले गए थे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है। इसमें दिख रहा है कि लोग रावण दहन देख रहे हैं और मोबाइल से उसका वीडियो भी बना रहे हैं। तभी बाईं ओर से तेज रफ्तार ट्रेन अचानक आती है। वीडियो से पता लगता है कि वहां मौजूद लोगों को ट्रेन के आने की भनक तक नहीं लगी। 

स्थानीय पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन ने बताया कि इस कार्यक्रम में मंच पर पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी मौजूद थीं। हादसे के वक्त घटनास्थल पर ही मौजूद रहे अन्य चश्मदीद अमरजीत ने बताया, रावण को आग लगाई गई, पटाखे बज रहे थे। इस बीच एकदम से ट्रेन आ गई। किसी को ट्रेन के आने की आवाज सुनाई नहीं दी। मैंने दो लड़कों का हाथ खींचकर उन्हें बचाया। मैंने देखा कि 25-30 लोगों की लाशें बिछ गई हैं। मैंने इन लाशों को उठाकर दूसरी जगह पहुंचाया। मेरे हाथ पूरे खून से भर गए, मैं अभी-अभी इन्हें धोकर आया हूं। उनमें कई मेरे पहचान के लोग थे। मैंने उनके चेहरे देखे। 

अमित कुमार का घर घटनास्थल के पास ही है। वह घटना के वक्त अपने घर की छत पर मौजूद थे। उन्होंने बताया, ट्रेन बहुत स्पीड में आई, ट्रेन ने कोई हॉर्न नहीं दिया। उस ट्रेन ने वहां खड़े सभी लोगों को कुचल दिया। स्टेज से कहा गया था कि लोग पटरी से दूर होकर खड़े रहें। ये आयोजन हर साल होता है।

shukdev

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