अमित शाह ने लगाई दिल्ली भाजपा की क्लास, बोले-शक्ल देखकर री-ट्वीट न करें

Tuesday, Jun 26, 2018 - 10:07 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश भाजपा के कामकाज पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नाराजगी जताई है। गुरुवार को दिल्ली प्रवास दौरान शाह ने एक साल पहले दिया गया एजैंडा ही पूरा न होने पर पार्टी पदाधिकारियों की खिंचाई की। खासतौर पर प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू व संगठन मंत्री सिद्धार्थन को लेकर वह नाखुश नजर आए। रही सही कसर सांसदों ने शिकायत करके पूरी कर दी कि संगठन में उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। इस पर शाह ने राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल को पूरे मामले की चिंता करने के लिए कहा है।

लाख कोशिशों के बावजूद दिल्ली भाजपा का कामकाज ढर्रे पर नहीं आ रहा है। कई गुटों में बंटी भाजपा एकजुट होकर आम आदमी पार्टी से मुकाबला कर ही नहीं पा रही है। प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की मेहनत के बावजूद कोई गुट साथ चलने को तैयार नहीं है। ऊपर से अगले साल लोकसभा चुनाव है। दिल्ली के तमाम मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को दिल्ली प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश पदाधिकारियों व सांसदों के साथ मीटिंग की।

एजैंडे पर काम न होने पर हुए नाराज
इस मीटिंग में सबसे पहले उन्होंने अपने एक साल पहले हुए प्रवास दौरान दिए एजैंडे का ब्यौरा मांगा। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कह कि इस पर 80 फीसदी काम नहीं हुआ है। शाह ने प्रदेश प्रभारी जाजू की ओर इशारा करके कहा कि या तो आप मेरी बात सुनकर मुस्कुरा रहे हैं या फिर चिंता कर रहे हैं। इस पर जाजू की हालत देखने लायक थी। प्रदेश के संगठन महामंत्री सिद्धार्थन का नाम लिए बिना ही उन्होंने कहा कि दिल्ली संगठन ने काम पूरे नहीं किए। उन्होंने पूछा कि मंडलों व अन्य इकाइयों का गठन हो गया क्या? इस पर संगठन मंत्री ने कहा कि सभी मंडल बन गए हैं, बस 8-10 बचे हैं। यह सुनते ही सांसद प्रवेश वर्मा, मीनाक्षी लेखी व उदितराज ने कहा कि यह सच नहीं है। अभी बहुत सारे मंडल बाकी हैं। अकेले पश्चिमी दिल्ली में ही 28 मंडल नहीं बन पाए हैं। इसी दौरान सांसद उदितराज ने कहा कि एम.सी.डी. की समितियां गठित करने में सांसदों को कोई तवज्जो नहीं दी गई।

सांसदों को एक तरह से दरकिनार किया जा रहा है। इस पर एक पदाधिकारी ने कहा कि आप से राय तो ली गई थी। इस पर उदितराज ने कहा कि हमारी राय मानी कितनी गई, यह बताइए। सांसदों ने जिला अध्यक्षों को शिकायत भी की कि वे सांसदों को कुछ नहीं समझते। इस पर शाह ने राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल से कहा कि वह सांसदों की शिकायतों की चिंता करें। सभी सांसदों को विश्वास में लेकर काम किए जाएं। निगम में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी उन्होंने सख्त तेवर दिखाते हुए साफ कर दिया कि अगर किसी के ऊपर गम्भीर आरोप हैं तो उसे निगम या पार्टी में कोई बढ़ावा न दिया जाए। भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं होगा। इसके अलावा प्रदेश के सोशल मीडिया को मजबूत करने के लिए काम किया जाए। अगर कोई सांसद या पदाधिकारी कोई ट्वीट करता है तो सभी उसे री-ट्वीट करें, किसी की शक्ल देखकर री-ट्वीट न करें।

Seema Sharma

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