ऑफ द रिकॉर्डः अमित शाह अब पुड्डुचेरी सरकार को गिराने की फिराक में

punjabkesari.in Thursday, May 24, 2018 - 10:16 AM (IST)

नेशनल डेस्कः भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक में पार्टी की सरकार का गठन करने में विफल रहे हैं मगर उन्होंने अब पुड्डुचेरी में 2 वर्षीय पुरानी कांग्रेस सरकार को गिराने पर अपनी नजर टिका रखी है। वह जुलाई के शुरू में पुड्डुचेरी का दौरा करेंगे और इस बात को यकीनी बनाने के लिए जमीनी काम शुरू कर दिया है कि वी. नारायणसामी सरकार को गिराया जाए क्योंकि राज्य में उसके पास बहुत अल्प बहुमत है। 30 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 15 सदस्य हैं। द्रमुक के 2 विधायकों को उसका समर्थन है। भाजपा और इसके प्रमुख सहयोगियों के 16 सदस्य हैं। अगर पुड्डुचेरी सरकार गिर जाती है तो कांग्रेस पंजाब और कर्नाटक तक सिमट कर रह जाएगी।
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मिजोरम में नवम्बर महीने में चुनाव होने हैं जहां भाजपा महसूस करती है कि वह कांग्रेस मुक्त पूर्वोत्तर बनाने के लिए कांग्रेस को सत्ता विहीन कर देगी। अमित शाह ने प्रमुख विपक्षी दल ए.आई.एन.आर.सी. के प्रधान एन. रंगास्वामी के साथ पिछले वीरवार को बातचीत की थी और इस बात को यकीनी बनाने के लिए तौर-तरीकों पर चर्चा की ताकि वहां गैर-कांग्रेस सरकार बनाई जाए। ए.आई.एन.आर.सी. के 8 विधायक हैं और उसे अन्नाद्रमुक के 4 तथा एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन प्राप्त है। यद्यपि यह बहुमत के अंक से कम है मगर केन्द्रीय शासित क्षेत्र में राजनीतिक स्थिति उस समय बदल गई जब उपराज्यपाल किरण बेदी ने विधानसभा में 3 विधायकों को मनोनीत किया था जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए जिससे सदन में संयुक्त विपक्ष के सदस्यों की संख्या 16 हो गई है।
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नारायणसामी ने उनसे सलाह-मशविरा किए बिना 3 विधायकों का मनोनयन करने का विरोध किया था मगर सत्तारूढ़ सरकार को सूचित किए बिना ही राज निवास में उनको पद की शपथ दिला दी गई लेकिन स्पीकर ने इन तीनों मनोनीत सदस्यों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। इसके बावजूद तथ्य यह है कि मद्रास हाईकोर्ट ने उपराज्यपाल द्वारा उनके मनोनयन को वैध घोषित किए रखा। इन विधायकों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, फैसला कभी भी आ सकता है। इस पृष्ठभूमि में रंगास्वामी ने अमित शाह के साथ स्थिति पर चर्चा की। बताया जाता है कि रंगास्वामी से शाह ने कहा कि वह बहुमत प्राप्त करने के लिए तेजी से काम करें।

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Seema Sharma

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