एनआरसी पर बोले शाह - भारत कोई धर्मशाला नहीं, जो कोई भी आकर यहां बस जाए

punjabkesari.in Sunday, Dec 09, 2018 - 12:17 AM (IST)

नई दिल्लीः भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत के संसाधनों पर भारतीयों का हक है और यह कोई ‘धर्मशाला’ नहीं है जहां अवैध प्रवासी आकर बस जाएं। अवैध आव्रजन को देश के लिए खतरा करार देते हुए शाह ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) देश के बुनियादी मसलों को सुलझाने का एक तरीका है और इसे भाजपा से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
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दैनिक जागरण मीडिया समूह द्वारा आयोजित जागरण फोरम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘एनआरसी को सिर्फ भाजपा से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यह देश के बुनियादी मसलों को सुलझाने का तरीका है। यह कैसे मुमकिन है कि कोई आए और यहां बस जाए? देश इस तरह नहीं चल सकता। यहां के नागरिक ही यहां रहने चाहिए और देश के संसाधनों पर उन्हीं का हक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह देश कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई आकर यहां बस जाए।’’ इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथ लेते हुए भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 70 साल से घुसपैठियों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा और वे देश के लिए खतरा हैं, जबकि भाजपा देशहित में सख्त फैसले लेने में यकीन करती है।
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एनआरसी पर एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा, ‘‘उनकी (घुसपैठियों की) पहचान होनी चाहिए। मतदाता सूची से उनके नाम हटाए जाने चाहिए। भाजपा का साफ मानना है कि उनकी पहचान कर उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए। घुसपैठिये देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं।’’
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गौरतलब है कि असम देश का एकमात्र राज्य है जहां एनआरसी है। एनआरसी का पूरा मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित किया गया था। इसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए जबकि जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए, उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेज जमा कराने की मोहलत दी गई। 


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Yaspal

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