आॅफ द रिकार्ड: अमित शाह ने बदली 75 साल आयु सीमा की नीति

Saturday, Aug 18, 2018 - 09:44 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व वर्षों से किनारे किए अपने सभी दिग्गजों को गले लगाने के लिए तैयार है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 75 साल की आयु सीमा में ढील देकर इच्छुक नेताओं को लोकसभा टिकट देने के लिए तैयार हैं। लाल कृष्ण अडवानी (90), डा. मुरली मनोहर जोशी (84), शांता कुमार (83), लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन (75) के लिए यह खुश करने वाली खबर है।

गौरतलब है कि इस समय लोकसभा के 17 सिटिंग सांसद ज्यादा उम्र होने की वजह से टिकट प्राप्त करने के बारे में अनिश्चित हैं परंतु अमित शाह ने घोषणा कर दी है कि अब चुनाव लडऩे के लिए कोई सीमा नहीं है। वे सभी टिकट प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें किसी तरह की कोई मनाही नहीं है। अमित शाह ने कहा कि आयु सीमा चुनाव लडऩे का कोई मानदंड नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि 75 साल की आयु के सिद्धांत का मतलब सिर्फ पदों को संभाले रखने वालों के लिए था। पदों से उनका मतलब था सरकारी पद जैसे मंत्री स्तरीय पद, ट्रिब्यूनल, कमीशन, बोर्ड इत्यादि। हालांकि, संसदीय समितियां और अध्यक्ष जैसे पद इस नियम के तहत शामिल नहीं हैं। 


भाजपा सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के चुनाव लडऩे या न लडऩे का फैसला पार्टी उनके विवेक पर छोड़ देगी। ऐसी पूरी संभावना है कि लाल कृष्ण अडवानी गांधीनगर सीट छोडऩे के लिए राजी हो जाएंगे क्योंकि वह अब 90 साल से अधिक के हो गए हैं। इसके अलावा कुछ अन्य 75 साल की आयु पार कर चुके हैं लेकिन वे चुनाव जीत रहे हैं। वे लोगों के बीच सद्भावना का आनंद ले रहे हैं और शारीरिक रूप से फिट हैं। यदि वे चुनावी मैदान में रहते हैं तो वे संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं और पार्टी को लाभ पहुंचा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर कलराज मिश्र ने 75 साल की उम्र होने पर कैबिनेट मंत्री से इस्तीफा दे दिया था। 

vasudha

Advertising