गोवा में BJP सरकार, एक रात में शाह और गडकरी ने पलट दिया कांग्रेस का गेम

Friday, Mar 17, 2017 - 08:20 AM (IST)

नई दिल्लीः मनोहर पार्रिकर ने गुरुवार को गोवा में गठबंधन बनाकर और विधानसभा में बहुमत साबित कर एक बार फिर साबित किया कि वे राज्य के लिए भाजपा की तरफ से सबसे सही पसंद है, जहां इस तटीय राज्य में एक तरह से यह उनकी घरवापसी और मुख्यमंत्री के तौर पर अगली पारी होगी। चुनावों में स्पष्ट बहुमत पाने में विफल रही भाजपा ने न सिर्फ दो क्षेत्रीय दलों का समर्थन हासिल किया बल्कि दो निर्दलीय विधायकों को भी अपने पाले में मिलाकर कांग्रेस की सरकार बनाने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। 40 सदस्यों वाली विधानसभा के लिये हाल में हुए चुनावों में कांग्रेस 17 सीटें हासिल कर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी।

एक ही रात में कैसे गोवा की तस्वीर बदल गई सब यही सोच रहे हैं। पार्रिकर के बहुमत साबित करने के बाद गोवा के भाजपा पर्वेक्षक नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार बनाने के लिए वो रातभर जागते रहे। उन्होंने कहा कि पूरी रात जागने के बाद उन्होंने सुबह 5 बजे अमित शाह को फोन किया, जिसके बाद चीजें साफ हुई। शाह के जोर देने के कारण ही चुनाव नतीजों के सामने आने की शुरुआत होते ही गडकरी ऐक्शन में आ गए और भाजपा की रणनीति को अमली जामा पहनाने में कामयाब रहे।

ऐसे एक्शन मोड में आई भाजपा
गडकरी ने पत्रकारों को बताया, ‘‘जब नतीजे आए तो पार्टी अध्यक्ष (अमित शाह) ने मुझे फोन किया और मुझे मिलने के लिए बुलाया। मैंने कहा कि मैं ही आपके यहां आता हूं और हमने 30-45 मिनट में उनके आवास पर मिलने का फैसला किया।' केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘शाम के सात बज रहे थे। हमने गोवा के राजनीतिक हालात पर विस्तार से चर्चा की। हमारे पास सिर्फ 13 विधायक थे। मैंने उन्हें बताया कि हमारे पास अपेक्षित संख्याबल नहीं है।' बहरहाल, शाह जवाब में ‘नहीं' सुनना पसंद नहीं करते और उन्होंने जोर दिया कि गडकरी कोशिश करके देखें। गोवा की भाजपा इकाई के प्रभारी गडकरी ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे कहा कि हमें सरकार बनानी है और मुझसे तुरंत गोवा जाने को कहा।' जल्द ही गडकरी पणजी जाने वाले विमान में सवार थे। बहरहाल, वहां भी मायूसी का माहौल था।

पार्रिकर के नाम पर सभी दल एक साथ
गडकरी ने कहा, ‘‘गोवा में नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुझे बताया कि रक्षा मंत्रालय छोड़कर गोवा वापस आना मनोहर पर्रिकर के लिए उचित नहीं होगा. मैंने पर्रिकर से भी बात की। 'इसके बाद पूर्व भाजपा अध्यक्ष गडकरी पूरी रात सो नहीं पाए. संभावित गठबंधन साझेदारों ने समर्थन देने की इच्छा जाहिर की, लेकिन शर्त रखी कि मुख्यमंत्री पर्रिकर ही होने चाहिएं। गडकरी ने कहा, ‘‘रात करीब डेढ बजे एमजीपी के सुदीन धवलिकर ने मुझसे मुलाकात की। मैं उन्हें काफी लंबे समय से जानता हूं और हमने चर्चा की। उन्होंने हमें समर्थन देने का भरोसा जताया। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई भी मुझसे मिलने आए।' केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘तडके 5 बजे उन्होंने (एमजीपी और जीएफपी ने) एक शर्त रखी कि वे भाजपा का समर्थन तभी करेंगे जब पार्रिकर को मुख्यमंत्री बनाया जाए।'

चूंकि पार्रिकर की गोवा वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी जरुरी थी, तो 12 मार्च की सुबह 5:15 बजे शाह को जगाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अमित शाह को सुबह 5:15 में जगाया और उन्हें यह बात बताई। मैंने उन्हें बताया कि मैं तय नहीं कर पा रहा हूं और उनसे सलाह मांगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अभी सो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री को सुबह सात बजे फोन करेंगे।' गडकरी ने बताया, ‘‘शाह ने कहा कि यदि पर्रिकर को गोवा भेजा जाना है तो भाजपा संसदीय दल को फैसला करना होगा और पार्रिकर की इच्छा पर भी विचार करना होगा।

केंद्रीय मंत्री को राहत तब मिली जब सुबह 8:30 बजे शाह ने उन्हें फोन किया और बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री और कुछ नेताओं से बात की और ‘‘सभी ने कहा कि यदि हम गोवा में सरकार बना सकते हैं और यदि पार्रिकर तैयार हैं तो हमें ऐसा करना चाहिए।' पार्रिकर को गोवा वापसी के लिए मनाना काफी आसान रहा क्योंकि वह अक्सर कहा करते हैं कि दिल्ली में उनके दोस्त नहीं हैं और उन्हें गोवा के खाने की कमी खलती है। एमजीपी, जीएफपी और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन पत्रों से लैस होकर पर्रिकर ने उसी रात सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।

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