भारत द्वारा MIRV के साथ मिसाइल परीक्षण पर अमेरिका ने कही ये बात

Wednesday, Mar 13, 2024 - 05:44 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क. भारत द्वारा MIRV तकनीक के साथ अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण करने के बाद 'स्वतंत्र और खुले' इंडो-पैसिफिक के दृष्टिकोण की पुष्टि करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि वह भारत और क्षेत्र के अन्य देशों के साथ एक भागीदार के रूप में काम करना जारी रखेगा। नई दिल्ली और वाशिंगटन दोनों भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण साझा करते हैं, जो स्वतंत्र, खुला, सुरक्षित और समृद्ध है।
अमेरिकी ने कहा- "संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत एक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए एक दृष्टिकोण साझा करते हैं जो स्वतंत्र, खुला, सुरक्षित और समृद्ध है। हम इस दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए भारत और क्षेत्र के अन्य देशों के साथ साझेदार के रूप में काम करना जारी रखेंगे।"


प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वदेशी रूप से विकसित ऐतिहासिक हथियार प्रणाली "मिशन दिव्यास्त्र" के विकास की घोषणा की, जो देश की भू-राजनीति और रणनीतिक स्थिति को बदल देती है और दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से बदल देती है। अग्नि-5 एमआईआरवी मिसाइल को रक्षा अनुसंधान केंद्र डीआरडीओ द्वारा एक दशक से अधिक समय से विकसित किया गया है।


MIRV में कई पुन: प्रवेश वाहन शामिल होते हैं, जिनमें से प्रत्येक 2-10 परमाणु हथियार ले जाने के लिए सुसज्जित होता है। इन हथियारों को सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पर स्थित विभिन्न लक्ष्यों के लिए नामित किया जा सकता है। वैकल्पिक रूप से कई हथियार एक ही स्थान को निशाना बना सकते हैं।


एमआईआरवी एक बैलिस्टिक मिसाइल पेलोड है जिसे बाहरी वायुमंडलीय तैनाती के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें कई हथियार होते हैं, जिनमें से प्रत्येक अलग-अलग उद्देश्यों को लक्षित करने में सक्षम होता है। जबकि मुख्य रूप से थर्मोन्यूक्लियर वॉरहेड से लैस अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी यह अवधारणा सख्त सीमाओं से परे फैली हुई है। एक मध्यवर्ती संस्करण मल्टीपल रीएंट्री व्हीकल (एमआरवी) मिसाइल, व्यक्तिगत लक्ष्यीकरण के बिना कई हथियारों को नष्ट कर देती है।

Parminder Kaur

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