Exclusive: कश्मीर युवाओं के लिए यात्रा एक वरदान श्री अमरनाथ यात्रा

Monday, Jun 25, 2018 - 04:36 PM (IST)

श्रीनगर: एक तरफ कश्मीर घाटी अलगाववाद की आग में झुलस रही है, तो दूसरी तरफ घाटी के युवा भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं। कश्मीरी युवाओं के लिए अमरनाथ यात्रा एक वरदान है। खुद कश्मीर युवा मानते है कि बाबा बर्फानी के रहम-कर्म से वो चार पैसे कमा लेते है, जिससे उनके साल भर का खर्चा कुछ हद तक निकल जाता है। घाटी में जिस तरह के हालात है, उसे देखकर युवा वर्ग थोड़ा मायूस जरूर हैं, लेकिन मेहनत और लगन के बलबूते कश्मीर की छवि को विश्व पट्ल पर उकेरने में वो हर संभव बेहतर पथ पर चलने को बेताब है। बहरहाल उम्मीद की जा सकती है कि कश्मीर घाटी के नूर और उसकी खूबसूती को बरकरार रखने में कश्मीरी युवा यूं ही मिलजुल कर अपने सपनों को नए पंख लगा सकते हैं। 


कश्मीरी युवाओं के बिना अधूरी है श्री अमरनाथ यात्रा
पत्थरबाजी, विरोध-प्रदर्शन से कोसो दूर कश्मीरी युवा अमरनाथ यात्रा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराने से पीछे नहीं हट रहे। सोनामार्ग, पहलगांव के युवा ख़ास तौर पर यात्रा के इंतजाम और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सके, इसके लिए वो श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के साथ कंधे से कंधा मिलाकर तमाम तरह की तैयारियों में जुटे हुए हैं। पंजाब केसरी की टीम ने जब बालटाल बेस कैम्प के ताजा हालात का जायजा लिया, तो वहां हर तरफ कश्मीरी युवाओं जोश और जुनून के साथ लंगर साम्रगी और जरूरी सामान को यात्रा मार्ग से लेकर पवित्र गुफा तक पहुंचाने के लिए सुबह से लेकर शाम तक जी जान सेे जुटे हुए हैंं। 

अमरनाथ की पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए जो रास्ते है, वो अक्सर बारिश के दिनों में खराब रहते है, जिसकी वजह से यात्रा को बीच में रोकना भी पड़ता है। ऐसे हालात में कश्मीरी युवा जान जोखिम में डालकर भूस्खलन प्रभावित रास्ते को काट कर बीच से सड़क निकाल कर यात्रा को फिर से बहाल करने में अहम रोल अदा करते हैं। बाबा बर्फानी की पत्रित गुफा की यात्रा 28 जून 2018 को विधिवत तौर पर शुरू हो रही है। इसे पहले यात्रा के दो अहम पड़ाव पहलगांव और बालटाल से अलग-अलग रास्तोंं से यात्रा की शुरुआत होती है, जहां महीनों पहले कश्मीर युवा रास्तों को दुरस्त करने में जुट जाते हैं। पंजाब केसरी की टीम ने कश्मीर युवाओं से जब बातचीत की तो उन्होंने यात्रा को लेकर काफी खुशी जाहिर की। कश्मीरी युवाओं की माने तो हमारे लिए अमरनाथ यात्रा श्रद्धा और भाईचारे की अनूठी मिसाल है, जिसका हम हर साल बेसब्री से इंतजार करते हैं।

कश्मीर युवाओं को आस है कि आने वाला वक्त उनका ही है और वो अपने भविष्य को संवारने को सबके सहयोग से आगे भी अपनी भागीदारी निभाते रहेंगे। आजकल देशभर में नौजवानोंं में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या से हर कोई बेहाल है, लेकिन घाटी का युवा अपने दम पर स्वरोजगार के अवसरों को अपनाकर आत्मनिर्भर बनने में निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में कश्मीर में पर्यटन कारोबार के सुनहरे भविष्य और घाटी के युवाओं की तरक्की की हम सब दुआ करते हैं।
  

Anil dev

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