अमरनाथ यात्रा:  तीर्थयात्रियों की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार

Saturday, Jun 23, 2018 - 08:53 AM (IST)

जम्मू, 22 जून (सतीश): श्री अमरनाथ यात्रा 28 जून को शुरू हो रही है, जो 26 अगस्त यानी रक्षाबंधन पर समाप्त होगी। यात्रा के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। किसी भी आपदा अथवा यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य निदेशालय ने लखनपुर से लेकर बनिहाल तक लगभग 100 से अधिक डाक्टर, फिजीशियन व 250 से अधिक पैरा मैडीकल तथा अन्य स्टाफ को तैनात किया है। इसके अलावा हर जिले में सभी सुविधाओं से लैस एक एम्बुलैंस रखी गई है। राज्य में तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। 
जिला अस्पतालों के अलावा गांधीनगर अस्पताल, सरवाल अस्पताल, राजीव गांधी अस्पताल में भी उपचार सुविधा उपलब्ध होगी। यात्रा आरंभ होने पर जम्मू रेलवे स्टेशन, एग्जीबिशन ग्राऊंड, राम मंदिर, गीता भवन, वैष्णवी धाम, सरस्वती धाम में स्वास्थ्य विभाग के शिविर लगेंगे। इसके अलावा भगवती नगर में तीर्थयात्रियों के उपचार के लिए  प्राथमिक उपचार केन्द्र स्थापित किया गया है, जहां पर करीब एक दर्जन बैडों की सुविधा होगी। 

मौसमी बीमारी के अनुसार अगर कोई तीर्थयात्री गंभीर हुआ तो सरवाल, गांधीनगर अस्पताल में आई.पी.डी. की सुविधा भी रहेगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य निदेशालय ने सभी जिला अस्पतालों को चौकस रहने को कहा है। इसके अलावा जीवन रक्षक दवाइयों सहित चिकित्सा उपकरणों की अलग से व्यवस्था की गई है। गर्मी के बढऩे व बरसात के दौरान मौसमी बीमारियां तीर्थयात्रियों के लिए कई प्रकार की समस्याएं पैदा करती हैं। इन बीमारियों में वायरल, मलेरिया, डायरिया इत्यादि शामिल हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लखनपुर से लेकर बनिहाल तक सभी जिला अस्पतालों, पी.एच.सी. सहित अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में स्टाफ को यात्रा के दौरान सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। 

यात्री क्या न करें

  • -चढ़ाई के दौरान महिलाएं साड़ी न पहनें। इसके लिए सलवार-कमीज, पैंट-शर्ट या ट्रैक सूट सुविधाजनक रहता है।
  • -6 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाओं को तीर्थयात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।
  • -13 वर्ष से कम बच्चे और 75 वर्ष से अधिक बुजुर्गों को भी यात्रा करने की अनुमति नहीं मिलेगी।
  • -चेतावनी की सूचना वाले स्थानों पर न रुकें।
  • -चप्पलों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि पवित्र गुफा के रास्ते पर चढ़़ाई और उतराई है, केवल तसमें वाले ट्रैकिंग शू पहनें।
  • -रास्ते में किसी छोटे मार्ग से जाने की कोशिश न करें क्योंकि ऐसा करना खतरनाक होगा।
  • -खाली पेट यात्रा शुरू न करें, ऐसा करने से स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
  • -पूरी यात्रा के दौरान ऐसा कुछ न करें, जिससे प्रदूषण फैले या यात्रा क्षेत्र के पर्यावरण को नुक्सान पहुंचे।
  • -पॉलीथीन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में यह प्रतिबंधित है।

Anil dev

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