JNUSU के पूर्व अध्यक्ष का आरोप, पुलिस ने नेत्रहीन छात्र को बुरी तरह से पीटा, बूटों से रौंदा

Tuesday, Nov 19, 2019 - 01:28 PM (IST)

नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के हजारों छात्रों ने छात्रावास शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लिए जाने की मांग को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को संसद भवन की तरफ मार्च करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके साथ ही विभिन्न स्थानों पर पुलिस के कथित लाठीचार्ज में कुछ छात्र घायल हो गए जबकि छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत करीब 100 जेएनयू छात्रों को हिरासत में ले लिया गया।

इसके बाद प्रदर्शनकारी छात्र सफदरजंग मकबरे के बाहर सड़क पर बैठ गए और हिरासत में लिए गए छात्रों को छोड़े जाने तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की मांग करने लगे। इसी बीच जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने एक छात्र की बेरहमी से पिटाई को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि क्रांतिकारी गायक और जेएनयूएसयू के पार्षद शशिभूषण समद को बूरी तरह से पीटा गया। वे नेत्रहीन हैं। वे एम्स के ट्रामा सेंटर में एडमिट है और उनकी हालत गंभीर है।

दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन
छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे छात्र संसद का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सोमवार को सड़कों पर उतर आए। उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां और बैनर ले रखे थे। ये लोग संसद का ध्यान अपनी मांगों की तरफ खींचना चाहते थे। छात्रों ने दोहराया कि वे तब तक नहीं झुकेंगे जब तक सरकार फीस वृद्धि वापस नहीं ले लेती। सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने बाबा गंगनाथ मार्ग पर छात्रों को आगे बढ़ने से रोक दिया। विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से आगे बढ़ने पर 600 मीटर की दूरी पर ही छात्रों को रोक दिया गया। कुछ छात्रों ने जब आगे बढ़ने की कोशिश की तो उन्हें बलपूर्वक रोका गया। शुरुआत में विश्वविद्यालय परिसर के बाहर से अवरोधक हटा दिए गए और छात्रों को मार्च करने की इजाजत दी गई। लेकिन बाद में प्रदर्शनकारियों को रोक दिया गया।

प्रदर्शन में शामिल कुछ छात्र नेता जब आगे बढ़ने पर अड़ गए तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। बाद में, छात्र लोधी रोड के पास सफदरजंग के मकबरे तक आगे बढ़ने में सफल रहे, लेकिन उन्हें फिर से रोक दिया गया और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने की कोशिश की। पुलिस अधिकारियों ने छात्रों से कहा कि वे सफदरजंग रोड की एक लेन में ही रहें और दूसरा हिस्सा गाड़ियों की आवाजाही के लिए खाली कर दें। विशेष पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था (दक्षिण) आर एस कृष्णैया ने प्रदर्शनकारियों से रास्ता खाली करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हम सुबह से आपसे अनुरोध कर रहे हैं कि कृपया विश्वविद्यालय की तरफ लौटना शुरू कीजिए। सफदरजंग अस्पताल के लिए जाने वाली एंबुलेंसों का रास्ता प्रभावित हो रहा है। पुलिस के अनुरोध पर भी छात्र नहीं माने तो पुलिस को जबरदस्ती छात्रों को वापिस लौटाना पड़ा इस पर छात्र उग्र हो गए और पुलिस से भिड़ गए।

‘इमरजेंसी इन जेएनयू' दिनभर करता रहा ट्रेंड
छात्रों के संसद की तरफ कूच करने से लुटियंस दिल्ली के कुछ हिस्सों में यातायात प्रभावित हुआ। नेल्सन मंडेला मार्ग, अरबिन्दो मार्ग और बाबा गंगनाथ मार्ग तथा अन्य जगहों पर यातायात बाधित रहा और गाड़ियां बेहद धीमी रफ्तार से रेंगती नजर आईं। संसद के पास दिल्ली मेट्रो के तीन स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वारों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। उद्योग भवन और पटेल चौक स्टेशनों पर ट्रेन नहीं रुक रही थीं। इन स्टेशनों पर करीब चार घंटे बाद सेवाएं बहाल हो पाईं। छात्रों ने प्रदर्शन और इस दौरान पुलिस के कथित लाठीचार्ज में खुद को लगी चोटों की तस्वीरें टि्वटर पर साझा कीं। इसके साथ ही माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर हैशटैग ‘इमरजेंसी इन जेएनयू' ट्रेंड करने लगा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिये पुलिस अधिकारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ पुलिस बल के खिलाफ भी नारेबाजी कर रही थी।

Seema Sharma

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