सस्ते हो सकते हैं सभी कर्ज, ब्याज दरों में हो सकती है गिरावट
punjabkesari.in Saturday, Mar 15, 2025 - 02:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन और अन्य प्रकार के कर्ज लेने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ सकती है। आने वाले समय में इन सभी कर्जों पर ब्याज दरें घट सकती हैं। इसके पीछे मुख्य कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में संभावित कटौती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कर्ज की EMI का बोझ भी कम होगा और कर्ज लेने वालों को राहत मिल सकती है।
RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती की उम्मीदें
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की प्रमुख ब्याज दर, जिसे रेपो रेट कहा जाता है, में कटौती होने की उम्मीद जताई जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, SBI रिसर्च के विश्लेषकों का मानना है कि 2025 में RBI अपने रेपो रेट में कुल 0.75% की कटौती कर सकता है। इस कटौती का असर सभी तरह के कर्जों पर देखने को मिलेगा, क्योंकि रेपो रेट और ब्याज दरों का सीधा संबंध होता है। इसके अलावा, RBI की आगामी पॉलिसी बैठकों में अप्रैल, जून और अक्टूबर में हर बार 0.25% की कटौती की संभावना है।
खुदरा महंगाई दर में हाल ही में आई गिरावट
भारत की खुदरा महंगाई दर में हाल ही में गिरावट आई है। फरवरी 2025 में महंगाई दर 3.6% के निचले स्तर तक पहुंच गई, जो पिछले सात महीनों का सबसे कम आंकड़ा था। खासकर खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में गिरावट के कारण महंगाई दर में कमी आई है। इस गिरावट का प्रमुख कारण सब्जियों की कीमतों में भारी कमी है। लहसुन, आलू, और टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतों में गिरावट के कारण वेजिटेबल इन्फ्लेशन निगेटिव हो गया। इस प्रकार, महंगाई में आई कमी का असर RBI के निर्णय पर पड़ सकता है और यह रेपो रेट में कटौती के लिए समर्थन प्रदान कर सकता है।
EMI में भी आ सकती है कमी
रेपो रेट में कटौती होने से होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन और एजुकेशन लोन जैसे कर्ज पर ब्याज दरों में कमी हो सकती है। इस कमी का असर उन लोगों पर होगा जिन्होंने पहले से लोन लिया हुआ है, क्योंकि उनकी EMI में भी कमी आ सकती है। लोन की EMI पर बोझ हल्का होने से कर्जदारों को वित्तीय राहत मिल सकती है और वे अपने बजट को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।
क्या हैं आगामी उम्मीदें?
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, भारत में महंगाई दर 4% से 4.2% के बीच रहने का अनुमान है, और इसके साथ ही कोर महंगाई दर 4.2% से 4.4% के बीच रह सकती है। महंगाई के इस नियंत्रण के बीच RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती किए जाने की संभावना है। विशेष रूप से, अप्रैल और जून 2025 में लगातार 0.25% की कटौती होने की संभावना जताई जा रही है। इसके बाद अक्टूबर में फिर से रेपो रेट में कटौती हो सकती है। इस प्रकार, आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कमी का सिलसिला जारी रह सकता है, जिससे कर्ज लेने वालों को फायदा होगा। सभी कर्ज लेने वालों के लिए यह समय फायदेमंद हो सकता है, खासकर अगर वे अपने कर्ज का पुनर्गठन (restructure) करने की सोच रहे हैं।
साथ ही, नए लोन लेने वालों के लिए भी यह एक अच्छा समय हो सकता है, क्योंकि ब्याज दरें कम होने से लोन लेना आसान और सस्ता हो सकता है। अग्रिम अनुमान और मौजूदा आर्थिक स्थितियों को देखते हुए, आने वाले समय में कर्ज पर ब्याज दरों में कमी होने की संभावना है। यह सभी कर्जदारों के लिए एक राहत का संकेत हो सकता है, जिससे उन्हें अपनी EMI को कम करने और वित्तीय स्थिति को सुधारने का मौका मिलेगा। RBI की पॉलिसी फैसलों और महंगाई के नियंत्रण के साथ, कर्ज लेने वालों के लिए यह समय सकारात्मक हो सकता है।