बैंक अकाउंट से लिंक ''आधार'', कहीं कर न दे आपको कंगाल, सच्चाई जान पलिस भी रह गई दंग

Saturday, Sep 28, 2019 - 12:10 PM (IST)

नई दिल्ली: मोबाइल या बैंक खाते को आधार से लिंक कराने के बहाने करीब एक हजार लोगों से 50 करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस उपायुक्त द्वारका एन्टो अल्फोंस ने बताया की गैंग के मास्टर माइंड सहित 2 ठगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग ऑनलाइन ठगी का गोरखधंधा देश के कई राज्यों से चलाते थे। जिसमें गिरोह का सरगना अलीमुद्दीन झारखंड का रहने वाला है। इनके तार वेस्ट बंगाल और दिल्ली से लेकर कई राज्यों तक जुड़े थे। गिरोह का एक सदस्य किसी का अकाउंट अरेंज करता है, कोई सिम कार्ड, कोई कॉलिंग करता है। पुलिस टीम ने इनके पास से 81 डेबिट कार्ड, 104 चेक बुक, 130 पास बुक, 8 मोबाइल, 31 सिम कार्ड अकाउंट डिटेल डायरी और कई लोगों के आईडी प्रूफ भी बरामद किए हैं। 

मोबाइल आधार से लिंक करने के नाम पर ठगी
ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए द्वारका सेक्टर 4 में रहने वाले एक डॉक्टर ने शिकायत दी थी की उन्हें एक कॉल आया, जो अपने आपको एक टेलीकॉम का कस्टमर एग्जीक्यूटिव बताया और कहा कि आपका मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक नहीं हुआ है और उसे लिंक कराने के लिए आपको अपने आधार कार्ड की और बैंक अकाउंट की डिटेल बतानी पड़ेगी।


121 पर मैसेज भेजते ही सिम हो जाती थी बंद
शिकार व्यक्ति को मोबाइल से 121 पर एक मैसेज भेजने के लिए कहा जाता था। ठग ने बताया कि मैसेज के बाद कुछ समय के लिए आपका सिम बंद हो जाएगा और 12 घण्टे बाद चालू हो जाएगा, लेकिन छत्तीस घंटे बाद भी सिम एक्टिवेट नही हुई। कस्टमर केयर पर कॉल की तो उन्हें पता चला कि उनकी सिम पहले ही एक्टिवेट हो चुकी है। इसके बाद राकेश ने अपने बैंक अकॉउंट को चेक किया तो उसमें से 4 लाख से ज्यादा रुपए निकाले जा चुके थे। जिसके बाद राकेश ने पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई।


2 हजार का लालच देकर खुलवाए 11 सौ अकाउंट
पुलिस टीम को पता चला कि ये लोग देश के अगल अलग राज्यों से इस धंधे को चलाते थे और गरीब लोगों को 2000 हजार रुपए देकर उनसे अलग अलग बैंक में अकॉउंट खुलवाकर उसको ठगी का पैसे इधर उधर करने के लिए इस्तेमाल करते थे। ठगों ने लोगों से अब तक 1100 से ज्यादा फर्जी बैंक अकॉउंट खुलवाए हैं। जिसमें 50 करोड़ से ज़्यादा ट्राजेंक्शन होने की आशंका जताई जा रही है। जिसकी जानकारी अलग अलग बैंकों से मंगवाई जा रही है। पुलिस को गिरोह में एक दर्जन से अधिक लोगों के शामिल होने की सूचना मिली है।  
 

कई बैंकों के खातों में ट्रांसफर करते थे रकम
द्वारका डिस्ट्रिक्ट के साइबर सेल और द्वारका नार्थ थाने की पुलिस टीम ने पीड़ित की अकाउंट स्टेटमेंट चेक की, जिसमें पुलिस को पता चला कि फ्रॉड किया गया पैसा 4 बैंकों में ट्रांसफर किया गया है। जिसके बाद एसीपी द्वारका राजेन्द्र सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर संजय कुंडू की अगुवाई में सब इंस्पेक्टर अरविंद कुमार, विकास यादव, महेंद्र, हरि सिंह, हेड कांस्टेबल प्रदीप, कुलदीप और कांस्टेबल संदीप और रितेश की टीम ने मामले की छानबीन के बाद दिल्ली के करोल बाग से मनोज यादव को पकड़ लिया। उससे पूछताछ के बाद गिरोह के मास्टर माइंड अलीमुद्दीन अंसारी को राजस्थान के अजमेर से गिरफ्तार कर लिया गया। 

Anil dev

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