IPS महिला अधिकारी से बातचीत पर बवाल के बाद अजित पवार ने दी सफाई, कहा - कानून में दखल देना मकसद नहीं था

punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 05:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के सोलापुर जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एक IPS महिला अधिकारी अंजलि कृष्णा के बीच बातचीत देखी जा सकती है। यह घटना उस वक्त की है जब सोलापुर के माधा तालुका के कुर्दू गांव में रेत खनन को लेकर चल रही अवैध गतिविधियों के खिलाफ अधिकारी कार्रवाई कर रही थीं। वीडियो में अजित पवार, IPS अधिकारी से पूछते हैं - "तुम इतनी निडर हो? मैं कार्रवाई करूं क्या?" इसके बाद वह अधिकारी से उनका फोन नंबर भी मांगते हैं। इस बातचीत के बाद यह सवाल उठने लगे कि क्या एक राजनेता पुलिस की कार्रवाई में हस्तक्षेप कर रहे हैं?
 

वायरल वीडियो के बाद शुरू हुआ विवाद

जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। विपक्षी दलों ने इसे लेकर राजनीतिक हमला बोलना शुरू कर दिया और सरकार पर प्रशासनिक कामों में दखल देने का आरोप लगाया। लोगों ने सवाल उठाए कि क्या एक IPS अधिकारी को अवैध खनन रोकने पर रोका जाना सही है?
 

 

अजित पवार का बयान आया सामने

विवाद बढ़ने पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर अपना बयान जारी किया। उन्होंने कहा "सोलापुर में पुलिस अधिकारियों के साथ मेरी बातचीत से संबंधित कुछ वीडियो प्रसारित हो रहे हैं, जिनकी ओर मेरा ध्यान आकर्षित किया गया है। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि मेरा उद्देश्य कानून प्रवर्तन में हस्तक्षेप करना नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि ज़मीनी स्तर पर स्थिति शांत रहे और आगे न बिगड़े।" उन्होंने आगे कहा कि "मैं अपने पुलिस बल और अधिकारियों का बहुत सम्मान करता हूं, खासकर महिला अधिकारियों का जो साहस के साथ ड्यूटी निभाती हैं। मैं पारदर्शी शासन के लिए प्रतिबद्ध हूं और रेत खनन सहित हर अवैध गतिविधि के खिलाफ कानून के अनुसार सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए।"

IPS अधिकारी कर रहीं थीं अवैध रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई

इस पूरे मामले की जड़ें उस वक्त शुरू होती हैं जब IPS अधिकारी अंजलि कृष्णा एक अभियान के तहत अवैध रेत खनन रोकने कुर्दू गांव पहुंचीं। स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कार्रवाई के दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उन्हें कॉल किया और कार्रवाई रोकने के लिए कहा। इस कॉल की रिकॉर्डिंग ही वायरल हो रही वीडियो का हिस्सा बताई जा रही है।

राजनीतिक रंग लेता जा रहा मामला

इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति को भी गर्म कर दिया है। विपक्ष इसे "प्रशासन में राजनीतिक दबाव का उदाहरण" बता रहा है, तो वहीं सरकार की ओर से बयान आने के बावजूद सवाल उठ रहे हैं कि क्या IPS अधिकारी स्वतंत्र रूप से कार्रवाई कर सकेंगी?


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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