ऑफ द रिकार्ड: दबाव में अजीत पवार व प्रफुल्ल पटेल

Sunday, Aug 13, 2017 - 04:00 PM (IST)

नई दिल्ली: अब यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार राकांपा नेतृत्व पर दबाव डाल रही है कि वह कांग्रेस के साथ कोई संबंध न रखे। जब से अजीत पवार के खिलाफ जांच का काम महाराष्ट्र में रोक दिया गया है तब से शरद पवार ढीले पड़ गए हैं। यूपीए सरकार के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल अब दबाव में हैं। जब से यह पता चला है कि उनके ड्राइवर की कम्पनी ने विभिन्न हवाई अड्डों पर ठेके लिए हैं तब से गुजरात में राकांपा ढीली पड़ गई है।

अब ऐसी कानाफूसी चल रही है कि ड्राइवर की कम्पनी का कारोबार 400 करोड़ रुपए का है। हैरानगी की बात यह है कि महाराष्ट्र में ड्राइवर मालामाल हो रहे हैं। स्मरण रहे कि नितिन गडकरी के ड्राइवर की भी एक कम्पनी थी और उसका मुम्बई की पॉश कालोनी में एक फ्लैट है। गडकरी को 2013 में पार्टी अध्यक्ष का पद छोडऩा पड़ा था। पटेल के ड्राइवर की कम्पनी की जांच शुरू हुई तो वह गायब हो गए।

तारिक अनवर असंतुष्ट 
राकांपा के लोकसभा सांसद तारिक अनवर मोदी सरकार पर नरम रुख अपनाने के लिए पार्टी नेतृत्व का आदेश मानने के मूड में नहीं। उन्होंने पवार-पटेल नेतृत्व को बता दिया है कि वह बिहार में कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव के साथ रहेंगे मगर तारिक की समस्या यह है कि लोकसभा में वह असहाय हैं जहां राकांपा के 6 सांसद हैं जिनमें 4 महाराष्ट्र से और एक लक्षद्वीप से है। 

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