एयरफोर्स को मिलेंगे 83 लड़ाकू तेजस विमान, HAL के साथ हुई 39,000 करोड़ में डील
Monday, Feb 17, 2020 - 02:26 PM (IST)
नेशनल डेस्कः भारतीय वायुसेना लंबे समय से लड़ाकू विमानों की भारी कमी से जूझ रही है लेकिन अब उसका इंतजार खत्म होने जा रहा है। दरअसल भारत में निर्मित लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय वायुसेना के बेड़े में जल्द ही 83 स्वदेशी फाइटर तेजस विमान शामिल होंगे। स्वदेशी सैन्य विमानन क्षेत्र की सबसे बड़ी डील को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस डील के तहत हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए सिंगल इंजन वाले 83 तेजस फाइटर विमान तैयार करेगी।
पहले यह डील 56,500 करोड़ रुपए की थी लेकिन HAL अब 39,000 करोड़ रुपए में ही भारतीय वायुसेना को तेजस विमान उपलब्ध कराएगी। करीब एक साल चली बातचीत के बाद इस डील में 17,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमी आई है। इस डील की आखिरी मंजूरी के लिए फाइल कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी को भेजा जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 31 मार्च से पहले समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में डील को मंजूरी दे दी जाएगी। डील फाइनल होने के बाद HAL ने तीन साल के अंदर मार्क-1ए जेट विमान की डिलिवरी देने का वादा किया है।
तेजस की खासियत
- तेजस मार्क-1A विमान दुनिया के सबसे छोटे लड़ाकू विमान माने जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक छोटे होने के बाद भी यह विमान दुश्मन को मार गिराने की हर ताकत से लैस होगा।
- तेजस लंबी दूरी तक हवा से हवा में मार करने में सक्षम डर्बी और भारत में अस्त्र मिसाइलों से लैस होगा।
- तेजस में लगी मिसाइलें दुश्मन के फाइटर जेट को अचूक निशाना बनाने में सक्षम हैं।
- तेजस फाइटर जेट दुनिया की सबसे खतरनाक क्रूज मिसाइलों में शामिल ब्रह्मोस से लैस होगा। तेजस में तैनात करने के लिए ब्रह्मोस का हवा से लॉन्च किया जाने वाला संस्करण तैयार है। तेजस एक बार में दो ब्रह्मोस एनजी मिसाइलें ले जा सकेगा। ब्रह्मोस को भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है।
- तेजस विमान अत्याधुनिक आइसा रेडार से लैस होगा। ये रेडॉर इजरायल ने बनाए हैं और पूरी तरह से जाम प्रूफ हैं।
- तेजस मार्क-1A जेट के अंदर हवा में ही ईंधन भरने की सुविधा होगी। इससे यह फाइटर जेट लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हो जाएगा। तेजस मार्क-1 का वजन करीब 12 टन होगा।
- तेजस जेट में अमेरिका की जीई कंपनी का बनाया हुआ F404 टर्बोफैन इंजन लगा हुआ है। इस शक्तिशाली इंजन की मदद से तेजस 2200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
- यह विमान वायुसेना में रूस निर्मित मिग-21 की जगह लेगा। तेजस अपनी इन्हीं खूबियों की वजह से चौथी पीढ़ी का विमान माना जाता है।
- तेजस फाइटर जेट की तुलना अक्सर पाकिस्तान के फाइटर जेट JF-17 थंडर से की जाती है। JF-17 थंडर को पाकिस्तान ने चीन की मदद से तैयार किया है लेकिन तेजस JF-17 थंडर की तुलना में काफी आगे है। तेजस में पायलट को हरेक डेटा ग्लास से बने कॉकपिट में रियल टाइम मिल जाता है जबकि पाकिस्तानी जेट में यह सुविधा नहीं है।
बता दें कि नवंबर 2016 में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 83 तेजस विमान तैयार करने के लिए एचएएल को 49,797 करोड़ रुपए की डील करने को कहा था। मगर एचएएल ने इस डील के लिए 56,500 करोड़ रुपए की मांग की। इसके बाद दोनों पक्षों में काफी लंबी बातचीत चली और अब जाकर इसकी डील फाइनल होती दिक रही है।