ध्यान रखें: चलती कार में मोबाइल चार्जिंग से बढ़ता है प्रदूषण

Sunday, Apr 10, 2016 - 09:53 PM (IST)

नई दिल्ली : वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या बन चुका है जिससे पूरा विश्व परेशान है। विश्व के कई देश इस मामले में मंथन कर चुके हैं और कई प्रकार की योजनाएं तैयार कर चुके हैं। कुछ योजनाओं पर काम हो भी रहा है। इन योजनाओं के साथ-साथ अगर हम खुद छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें तो जैसे कि कार में मोबाइल चार्ज करना। मोबाइल चार्जिंग के बारे में हुए अमेरिकी शोध में बताया गया कि चलती कार में अगर हम मोबाइल चार्ज करें तो एक गैलन ईंधन में 0.03 मील का अंतर आता है। अब आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि पूरे भारत में लाखों कारें चल रही हैं। अब इन कारों को निकलने वाले कार्बन को अगर जोड़ दिया जाए तो हिसाब लगा लीजिए कितना प्रदूषण बढ़ेगा।
 
पौधों में पानी देना!
रिसर्च बताती है कि घर में जो प्रदूषण फैलता है उसका एक कारण पौधों को पानी देना भी है। इस फर्क यह पड़ता है कि इससे आपके घर में धूल के कण और मिट्टी बाहर की तुलना में 10 गुना तेजी से फैलती है। अगर कोई पौधों को ज़्यादा पानी देगा तो उससे प्रदूषण अधिक फैलेगा। आपको शायद पता होगा कि इसके चलते पानी रिसता है और धूल के कण तीव्रता से फैलते हंै।
 
प्रदूषण फैलाते फाइबर पायदान
पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक आपके घर की हवा, बाहर की तुलना में 2 से 5 गुना ज़्यादा प्रदूषित हो सकती है। रिपोर्ट में बताया गया कि घरों में मौजूद रहने वाले फाइबर के पायदान असली फाइबर से बने होते हैं। इस फाइबर वाले पायदान पर धूल कण, मिट्टी और फंगस भी लगी रहती है। अमेरिकन लंग एसोसिएशन ने इसे  इस्तेमाल करने से ही मना कर दिया है। 
 
 
गंदे जूतों से बचकर रहिए!
कई बार लोग गंदे जूते पहनकर घरों में दाखिल हो जाते हैं। इससे वे जूते के रास्ते अपने घर तक मिट्टी और अन्य प्रदूषित कण ले जाते हैं। 
इसलिए ऐसे गंदे जूतों को घर में दाखिल न होने दें।
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