AI-171 विमान हादसा: साइबर अटैक की आशंका, क्या विमान को 30 सेकंड में गिराया गया? उठे सवाल
punjabkesari.in Saturday, Jun 14, 2025 - 01:41 PM (IST)

मुंबई। अहमदाबाद से लंदन (गैटविक) जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के क्रैश होने पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। फ्लाइट उड़ान भरने के महज 30 सेकंड में ही नीचे गिरकर क्रैश हो गई। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने गंभीर सवाल उठाते हुए साइबर हमले की आशंका जताई है। इस भीषण विमान हादसे में 241 यात्रियों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में शोक और चिंता का माहौल है।
संजय राउत ने उठाए कई सवाल
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कहा, "मैं कोई तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन इस हादसे के पीछे कुछ गंभीर सवाल हैं। फ्लाइट अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के महज 30 सेकंड के भीतर कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गई? क्या यह महज तकनीकी खराबी थी, या फिर किसी दुश्मन देश द्वारा विमान की प्रणाली पर साइबर हमला किया गया था?" उन्होंने हाल के दिनों में भारत के सैन्य और सामरिक प्रतिष्ठानों पर संभावित साइबर हमलों की घटनाओं का हवाला देते हुए इस हादसे की गहन तकनीकी और साइबर दृष्टिकोण से जांच की मांग की।
विमान रखरखाव और बोइंग डील पर भी उठाए सवाल
संजय राउत ने विमानन क्षेत्र में रखरखाव की स्थिति पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अहमदाबाद में विमान का रखरखाव किस कंपनी या एजेंसी के अधीन था? उन्होंने यह भी कहा कि जब बोइंग के साथ विमान सौदा हुआ था, तब भाजपा इसके विरोध में थी, जबकि उस समय प्रफुल्ल पटेल नागरिक उड्डयन मंत्री थे।
राउत ने कहा, "आज लोग हवाई यात्रा करने से डरने लगे हैं। विमानन क्षेत्र में रखरखाव सबसे अहम पहलू है। आखिर अहमदाबाद को ही क्यों चुना गया? वहां का रखरखाव मानक के अनुरूप है या नहीं? हादसे के बाद जिस तरह कुछ मंत्री घटनास्थल पर व्यवहार कर रहे थे, वह भी अत्यंत दुखद और असंवेदनशील था।"
सरकार ने गठित की उच्च स्तरीय बहु-विषयक जांच समिति
दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने इस हादसे की विस्तृत जांच के लिए एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति का गठन किया है। यह समिति 12 जून, 2025 को हुए हादसे की तह तक जाकर इसके वास्तविक कारणों का पता लगाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाएगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह समिति मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) की समीक्षा करेगी और जरूरत पड़ने पर नई SOPs व नीतियों की सिफारिश भी करेगी।
समिति को मिलेगी सभी डेटा तक पहुंच
इस समिति को फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, रखरखाव रिकॉर्ड, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) लॉग और चश्मदीद गवाहों की गवाही तक पूरी पहुंच होगी। समिति तीन महीने के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
समिति का नेतृत्व और दायरा
- समिति की अध्यक्षता गृह सचिव करेंगे।
- इसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय वायुसेना, और विमानन विशेषज्ञों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- यह समिति न सिर्फ हादसे के तकनीकी कारणों की जांच करेगी, बल्कि आपातकालीन प्रतिक्रिया, बचाव कार्यों के समन्वय, और नीतिगत सुधारों का भी आकलन करेगी।