आखिर क्यों BJP को समर्थन देने आगे आए गोपाल कांडा से पार्टी ने बनाई दूरी

Saturday, Oct 26, 2019 - 10:30 AM (IST)

नई दिल्ली: यह बहुत पुरानी बात नहीं है। महज कुछ साल पहले, जब हरियाणा के पूर्व मंत्री और एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में आरोपी गोपाल कांडा को जेल में डालने की मांग भारतीय जनता पार्टी ने खूब जोरशोर से की थी। आंदोलन भी चलाया था। कांडा पर यौन उत्पीडऩ का आरोप था।  मगर वीरवार को नतीजे आने के बाद लोगों ने भाजपा का एक नया रूप देखा। पूर्ण बहुमत आता न देख पार्टी ने सबसे पहले गोपाल कांडा को ही गले लगाया। भाजपा की सांसद सुनीता दुग्गल वीरवार शाम को ही एक चार्टेड प्लेन में कांडा को दिल्ली ले गईं। कांडा को वहां पार्टी नेतृत्व से मिलवाया गया। जैसे ही यह खबर चली कि भाजपा गोपाल कांडा को गले लगा रही है, ट्विटर पर कांडा ट्रेंड करने लगा। 

‘जस्टिस फॉर गीतिका’ और ‘भाजपा का डबल फेस’ जैसे कमेंट होने लगे। यूजर्स ने कांडा के खिलाफ पार्टी के प्रदर्शन के पुराने फोटो डालकर सवाल उठाने शुरू कर दिया। किरकिरी होते देख पार्टी ने भी कांडा से किनारा करना बेहतर समझा। हरियाणा के अरबपति कांडा ने अपनी अलग हरियाणा लोकहित पार्टी से चुनाव लड़ा और सिरसा से जीत दर्ज की है। 2012 में गोपाल कांडा सभी आरोपों को नकार रहा था और गीतिका की आत्महत्या का मामला सामने आने पर दस दिन तक भूमिगत रहने के बाद सरेंडर किया था।



अगस्त-2012 में भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने भाजपा महिला मोर्चा की हरियाणा इकाई का आह्वान किया था कि वह कांडा का असली चेहरा दुनिया के सामने लाने के लिए आंदोलन शुरू करें। कांडा डेढ़ साल तक जेल में रहा और मार्च 2014 में उसे जमानत मिली। गीतिका की मां ने भी कांडा और उसके साथियों पर आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। गीतिका आत्हत्या केस में कांडा अभी कोर्ट ट्रायल का सामना कर रहा है। 



उमा ने नैतिकता याद दिलाई
भाजपा की उपाध्यक्ष उमा भारती ने  कांडा का समर्थन लेने के खिलाफ शुक्रवार को पार्टी को आगाह करते हुए कहा कि उसे अपने ‘नैतिक मिशन’ को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने अपने ट््वीट में कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए भी पार्टी से आग्रह करेंगी कि ऐसे लोगों से समर्थन न लिया जाए।  एक चुनाव जीत लेने से वह अपने अपराध से छूट नहीं सकते। 


कांडा ने अपना रिश्ता संघ से बताया
उधर हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा ने ‘बिना किसी शर्त समर्थन’ देने का एलान कर दिया है। कांडा ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने और अन्य निर्दलीय विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी को बिना किसी शर्त ‘समर्थन’ देने का फैसला किया है। ‘मेरा परिवार 1926 से संघ से जुड़ा है। मेरा पिता भाजपा से जुड़े हैं।’ दिल्ली में छह विधायकों ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी की है। 


 

Anil dev

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