बहुमूल्य खनिजों की खोज के प्रयासों को तेज़ करने का लक्ष्य

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2024 - 06:52 PM (IST)


चंडीगढ़, 20 सितंबर:(अर्चना सेठी) पंजाब के खनन एवं भूविज्ञान मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज खनन और भूविज्ञान के क्षेत्र में काम कर रही सरकारी और निजी कंपनियों को आह्वान किया कि राज्य में रेत, बजरी और गिट्टका जैसे खनिजों से हटकर अन्य कीमती खनिज पदार्थों की खोज की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

खनन और भूविज्ञान विभाग द्वारा नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एन.एम.ई.टी.) के सहयोग से "खनिजों की खोज" विषय पर आयोजित कार्यशाला के दौरान बोलते हुए कैबिनेट मंत्री ने हाल ही में की गई खोजों के बारे में जानकारी दी और इस क्षेत्र में अन्य खनिजों की संभावनाओं पर ज़ोर दिया।

पंजाब सरकार के भूविज्ञानियों द्वारा जुलाई 2022 में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि विज्ञानियों द्वारा मुक्तसर साहिब ज़िले के गाँव कबरवाला में 6 मिलियन टन पोटेशियम की खोज की गई है।

उन्होंने कहा कि पोटेशियम का अधिकांश उपयोग उर्वरकों के लिए किया जाता है और देश में 99% पोटाश का आयात होता है। उन्होंने बताया कि इन खोजों के अनुसार पंजाब देश का चौथा राज्य है जहां पोटेशियम पाया गया है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार केवल रेत और बजरी की लोगों को सस्ती आपूर्ति पर ही ध्यान नहीं दे रही, बल्कि इस क्षेत्र में नई खोजों को भी प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि इसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए और निजी कंपनियों के माध्यम से भी खोज कार्य करवाने के लिए यह समागम आयोजित किया गया है।

उन्होंने सरकारी और निजी क्षेत्र के भूविज्ञानियों से अपील की कि वे कीमती खनिजों की खोज पर विशेष ध्यान दें, जिससे पंजाब आर्थिक रूप से और मज़बूत होगा और राज्य और देश की प्रगति होगी।

कैबिनेट मंत्री ने इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए विभाग के अधिकारियों को भारत सरकार के खनन मंत्रालय के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का निर्देश भी दिया ताकि खोज कार्यों में किसी प्रकार की रुकावट न आए।

कार्यशाला के पहले तकनीकी सत्र का संचालन जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक  ए.के. तलवार ने किया। उन्होंने पंजाब में पोटाश के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा की गई खोज के बारे में बात की और पंजाब में पोटाश की खोज की वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की।

दूसरे तकनीकी सत्र का संचालन जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की निदेशक अपराजिता भट्टाचार्य ने किया। उन्होंने "पर्यावरण अध्ययन के लिए नेशनल जियो कैमिकल मैपिंग" विषय पर व्याख्यान दिया। इसके बाद एन.पी.ई.एज़ और अन्य विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ भी बातचीत भी की गई।


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Content Editor

Archna Sethi

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