एक साल में 2 लाख सर्जरी कर AIIMS ने बनाया रिकार्ड, मरीजों की संख्या में आई भारी कमी

Sunday, Feb 23, 2020 - 10:48 AM (IST)

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स) : देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल और शोध संस्थान एम्स में सबसे ज्यादा मृत्यु दर ट्रॉमा सेंटर में रिकॉर्ड की गई है। कार्डियो-न्यूरो सेंटर के मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है। यहां 2017-18 में मृत्यु दर 2.8 प्रतिशत थी, जो 2018-19 में बढ़ कर 2.9 प्रतिशत हो गई। खास बात यह है कि एम्स ने एक वर्ष के दौरान रेकॉर्ड 2 लाख सर्जरियां की हैं। जबकि एम्स आने वाले मरीजों की तादाद में आश्चर्यजनक कमी भी दर्ज की गई है। एम्स की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017-18 के मुकाबले 2018-19 में उपचार के लिए अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में 5,40,412 की कमी पाई गई है। 

 

मरीजों की कमी ओपीडी में दर्ज की गई है। पूरे अस्पताल की बात करें तो मुख्य अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की तादाद सबसे अधिक प्रभावित है। जबकि, आरपी सेंटर न्यूरोसाइंस सेंटर और कम्युनिटी मेडिसिन में भी पहले के मुकाबले कम तादाद में मरीज उपचार के लिए पहुंचे। कमी की वजह क्या है, इसका जवाब फिलहाल एम्स प्रशासन के पास भी नहीं है। इधर ओपीडी मरीजों की तादाद भले ही कम आंकी गई हो लेकिन भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी हुई पाई गई है।

 

हार्ट और न्यूरो सेंटर में बेड ऑक्यूपेंसी रेट में तीन पर्सेंट की कमी
एम्स में 2483 बिस्तरों की क्षमता के बावजूद इसके बिस्तरों की किल्लत यहां बड़ी चुनौती रहती है। इस वजह से कई बार मरीजों को सर्जरी के लिए 2-3 वर्ष की वेटिंग दे दी जाती है। ताजा वार्षिक रिपोर्ट में राहत की बात है कि 2018-19 में हार्ट व न्यूरो सेंटर में बेड ऑक्यूपेंसी रेट में कमी दर्ज की गई है। जबकि 2017-18 में इसी सेंटर की बेड ऑक्यूपेंसी रेट 87.9 प्रतिशत थी। 2018-19 में यह कम होकर 84.9 प्रतिशत ही रह गया।  

 

संक्रमण दर में आई कमी
वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक एम्स ने अपने संक्रमण दर में कमी दर्ज की है। 2017-18 में संक्रमण दर 6 प्रतिशत था, वह 2018-19 में 5.8 प्रतिशत रह गया। साल 2016-17 में संक्रमण दर 6.9 पर्सेंट था।  कार्डियो-न्यूरो सेंटर में मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है। यहां 2017-18 में मृत्यु दर 2.8 प्रतिशत था, जो 2018-19 में बढ़ कर 2.9 प्रतिशत हो गया। एम्स के मुख्य अस्पताल में 2017-18 के दौरान मृत्यु दर 1.8 प्रतिशत दर्ज की गई, जो 2018-19 में 1.7 प्रतिशत तक सिमट गई।

vasudha

Advertising