नमस्ते ट्रम्प: मेजबानी के लिए अहमदाबाद तैयार, Trump के आने का इंतजार

Sunday, Feb 23, 2020 - 10:06 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कई दिनों की दिन रात की लगातार मेहनत से दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मेजबानी को तैयार है। सब यह जानना चाहते हैं कि अब यह स्टेडियम कैसा लग रहा है। खासकर इसकी तुलना ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम से स्वभाविक है, जहां पिछले साल ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम हुआ था। एक दिन पहले ही मीडियाकर्मियों को इसकी सैर कराई गई। स्टेडियम के चारों ओर निचली कतारों में भगवा रंग की प्लास्टिक की कुर्सियां लगाई गई हैं। ऊपर की कतारों में नीली, पीली और भगवा रंग की कुर्सियां इस तरह लगाई गई हैं कि ऊंचाई से देखने पर ये रंग काफी आकर्षक दिखाई देते हैं। उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को एक लाख से ज्यादा लोग इन कुर्सियों पर बैठ सकेंगे।   

डेढ़ घंटे तक करेंगे संबोधित
ट्रम्प और मोदी सोमवार को करीब डेढ़ घंटे तक इस स्टेडियम में लोगों को संबोधित करेंगे। गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धनराज नटवानी के अनुसार पोडियम पर बैठने की व्यवस्था अंग्रेजी के ‘वाई’ अक्षर की शेप में की गई है। इसका हर पिलर 285 टन वजन वहन करने में सक्षम है। दर्शकों के लिए 360 डिग्री में बैठने की व्यवस्था इस तरह की गई है कि किसी भी आपात जरूरत में इसे तत्काल और सुरक्षित तरीके से खाली कराया जा सके। इसमें 55 कमरों वाला क्लब हाउस है तथा ओलंपिक मानकों के आकार का स्वीमिंग पूल हैं। 

गुजराती कलाकार देंगे प्रस्तुतियां
ट्रम्प के स्वागत में कई सांस्कृतिक और लोकगायन के कार्यक्रम होंगे। इनमें गुजरात के कई प्रमुख कलाकार और बॉलीवुड गायक कैलाश खेर भी प्रस्तुति देंगे। यह कार्यक्रम ट्रम्प के स्वागत में हो रहा है। ट्रम्प इस स्टेडियम का उद्घाटन नहीं करेंगे।

ट्रम्प के आने से अहमदाबाद के कुछ मोहल्ले तो सुधरे
अहमदाबाद के कई मोहल्लों जो ट्रम्प के काफिले के तय रास्ते पर पड़ते हैं, को काफी फायदा हुआ है। मोहल्लों में सफाई और बिजली के जो काम वर्षों से गुहार लगाने के बाद भी सरकार और नगर निगम नहीं कर रहा था, अब झटपट हो गए हैं। यह देखकर अन्य मोहल्लों के लोग भी चाह रहे हैं कि काश ट्रम्प उनके इलाके से होकर जाते।

अमहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार ट्रम्प-मोदी रोडशो के रास्ते में आने वाली सड़कें, उस इलाके में जल आपूर्ति और स्ट्रीट लाइट्स सुधार दी गई हैं। कई जगह ऐसी थीं, जहां गुहार के बावजूद कचरा महीनों नहीं उठता था, अब उन गारबेज डम्प्स को हटा कर जगह को साफ कर दिया गया है। लोगों को दुर्गंध से निजात मिल गई है। मोटेरा और चंद्रखेड़ा की स्ट्रीट्स लाइटें युद्धस्तर पर सुधारी गई हैं। जगतपुर, गोटा, सारखेज, गुरुकुल आदि इलाकों में लोग वर्षों से पेयजल संकट से जूझ रहे थे। सड़कें जगह-जगह से टूटी थीं। लोगों की गुहार अधिकारी सुनते नहीं थे। मगर अब नजारा पूरी तरह बदला हुआ है। घरों में पानी आने लगा है। नगर निगम ने 23 करोड़ रुपये खर्च कर इन इलाकों की सड़कों को नया बना दिया है। 

vasudha

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