अहमदाबाद प्लेन क्रैश: 'लकी मैन' ने खुद को किया कमरे में बंद, फिर गम में डूबा परिवार...

punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 12:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 12 जून 2025 को अहमदाबाद के मेहगनीनगर इलाके में हुआ विमान हादसा देश के सबसे भयानक विमान दुर्घटनाओं में से एक बन गया। इस हादसे में कुल 275 लोगों की जान चली गई, लेकिन चमत्कारिक रूप से एक व्यक्ति विश्वास कुमार रमेश इस हादसे से जीवित बाहर आए। हालांकि, यह जीवित बच जाना उनके लिए किसी जश्न से कम नहीं, लेकिन उनके चेहरे पर मुस्कान की जगह आंसुओं की लकीरें हैं।

आग के गोले से निकलकर आए विश्वास, पर दिल में गहरा जख्म
विमान जैसे ही उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया, वह एक आग के गोले में बदल गया। उस भयानक मंजर में, एक व्यक्ति सफेद टी-शर्ट पहने हुए लपटों से बाहर निकलता है—यह थे विश्वास कुमार रमेश। सीट नंबर 11B पर बैठे विश्वास इकलौते यात्री हैं जो इस दुर्घटना से बच सके। लेकिन उनका यह बच जाना उन्हें भीतर से तोड़ चुका है।

भाई की मौत ने तोड़ा मनोबल
इस दर्दनाक हादसे में विश्वास के बड़े भाई अजय रमेश की मौत हो गई। अंतिम संस्कार के समय विश्वास अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए और बेसुध हो गए। हादसे के बाद वह अपने गृह नगर दीव लौट आए हैं, लेकिन अब भी गहरे सदमे में हैं। उन्होंने खुद को घर में बंद कर लिया है, किसी से बात नहीं कर रहे हैं और न ही मीडिया को कोई बयान दे रहे हैं।

भीड़ का केंद्र बने विश्वास, फिर भी खामोशी में डूबे
विश्वास के घर पर अब लगातार लोग शोक संवेदना प्रकट करने आ रहे हैं। रिश्तेदार, परिचित, गांव वाले और प्रशासन के लोग भी उनसे मिलना चाह रहे हैं, लेकिन विश्वास किसी से मिलने को तैयार नहीं हैं। पुलिस ने बयान दर्ज कर लिया है, लेकिन इसके बाद से उन्होंने खुद को बिल्कुल एकांत में कर लिया है।

घर में शोक और चमत्कार का मिला-जुला माहौल
दीव स्थित उनके घर के बाहर एक अस्थायी टेंट लगाया गया है, जहां अजय की तस्वीर रखी गई है। एक तरफ विश्वास की जिंदगी बच जाने की खुशी है, तो दूसरी ओर भाई के निधन का अपार दुख। यह दोहरी भावना परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर साफ झलक रही है।

विदेश में कारोबार, देश में परिवार
विश्वास को ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त है और लंदन में उनका गारमेंट्स का व्यवसाय है। कुछ समय वे विदेश में और कुछ समय भारत में बिताते हैं। उनके परिवार का मछली पकड़ने का व्यवसाय भी है और दीव में उनकी कई बोट्स हैं। आर्थिक रूप से उनका परिवार मजबूत है, लेकिन यह हादसा उन्हें भावनात्मक रूप से झकझोर कर चला गया है।

‘जीवित रहना एक वरदान है, लेकिन...’
इस घटना ने यह दिखा दिया कि किस्मत किस पल किसी का रुख बदल दे। विश्वास की जान बचना चमत्कार से कम नहीं, लेकिन अपनों को खोने का दर्द ऐसा है जो उन्हें हर पल अंदर ही अंदर तोड़ रहा है। वे भले ही इस विमान हादसे में बच गए, मगर उनका दिल उस आग में कहीं झुलस गया।


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Content Editor

Mansa Devi

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