गोधरा कांड: दो आरोपी दोषी करार, तीन को बरी किया गया
Monday, Aug 27, 2018 - 03:52 PM (IST)
अहमदाबाद: गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में फरवरी 2002 में हुए अग्निकांड में एक स्थानीय विशेष एसआईटी अदालत ने आज दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में गोधरा स्टेशन पर हुए अग्निकांड में 59 कारसेवक जिंदा जल गए थे। विशेष न्यायाधीश एच सी वोरा ने इस मामले में फारूक भाना और इमरान शेरू को उम्र कैद की सजा सुनाई जबकि तीन अन्य आरोपियों हुसैन सुलेमान मोहन, कसम भामेड़ी और फारुक धानतिया को बरी कर दिया।
2002 Godhra train burning case: Two accused found guilty, three acquitted by special SIT court in Ahmedabad. #Gujarat pic.twitter.com/NzTImuaYAa
— ANI (@ANI) August 27, 2018
अभियोजन पक्ष वर्ष 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के दो डिब्बों को जलाने के मामले में दो आरोपियों की साजिशकर्ता के रूप में भूमिका साबित करने में सफल रहा। इन पांच लोगों को वर्ष 2015-16 में गिरफ्तार किया गया था। इन पर साबरमती केंद्रीय जेल में विशेष तौर पर स्थापित की गई अदालत में मुकदमा चलाया गया था। मोहन को मध्य प्रदेश के झाबुआ से गिरफ्तार किया गया जबकि भामेड़ी को गुजरात के दाहोद रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया था। धानतिया और भाना को गुजरात के गोधरा से उनके घरों से पकड़ा गया। भूतक को महाराष्ट्र के मालेगांव से पकड़ा गया था। इस मामले के आठ आरोपी अब भी फरार हैं।
इससे पहले विशेष एसआईटी अदालत ने एक मार्च 2011 को 31 लोगों को दोषी करार दिया था। अदालत ने उनमें से 11 को मौत की सजा सुनाई थी जबकि 20 अन्य को उम्रकैद की सजा दी थी। हालांकि अक्तूबर 2017 में गुजरात उच्च न्यायलय ने 11 दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी थी। बीस अन्य आरोपियों की सजा बरकरार रखी थी। गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना 27 फरवरी 2002 को हुई थी जिसमें 59 कारसेवक जिंदा जल गए थे। इसके बाद गुजरात के इतिहास के सबसे भयावह सांप्रदायिक दंगे हुए जिनमें करीब एक हजार लोग मारे गए थे।