राज्यसभा में कृषक बिल पास होने पर बोले कृषि मंत्री- यह ‘किसान हितैषी'', फायदा ही होगा

Sunday, Sep 20, 2020 - 02:52 PM (IST)

नेशनल डेस्कः संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी। राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच कृषि संबंधी इन दो विधेयकों को आज मंजूरी दी गई। लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को ‘किसान हितैषी' बताते हुए कहा कि किसानों की उपज की, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था के तहत खरीद हो रही है और यह आगे भी जारी रहेगी।

 

राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने कृषि संबंधी दो विधेयकों को किसान विरोधी करार देते हुए आसन के समीप आकर भारी हंगामा किया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर स्थगित करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक विधेयक हैं और इनसे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आएंगे। इन विधेयकों पर कई विपक्षी दलों का तर्क है कि यह विधेयक MSP प्रणाली द्वारा किसानों को प्रदान किए गए सुरक्षा कवच को कमजोर कर देंगे और बड़ी कंपनियों द्वारा किसानों के शोषण की स्थिति को जन्म देंगे। चर्चा के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल जैसे दलों ने विधेयक को संसद की प्रवर समिति को भेजने की मांग की।

 

वहीं तोमर ने कहा कि धान, गेहूं, दलहन, सोयाबीन जैसे कृषि उत्पादों के लिए प्रति क्विंटल खरीद की दर में पिछले तीन-चार सालों में काफी वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 10 हजार किसान उत्पादन संगठनों (FPO) की घोषणा की और इससे आने वाले दिनों में किसानों को काफी फायदा होगा। उन्होंने सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये एक लाख करोड़ रुपए के पैकेज का भी जिक्र किया।

Seema Sharma

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