तीनों कृषि क़ानूनों को ना पारित करते चर्चा हुई, न ख़त्म करते हुए, क्योंकि सरकार को जवाब देना पड़ता: कांग्रेस

Monday, Nov 29, 2021 - 01:31 PM (IST)

नई दिल्ली: आज से शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। वहीं, कांग्रेस ने लोकसभा में चर्चा के बिना कृषि विधि निरसन विधेयक को पारित कराए जाने को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सदन में चर्चा होती तो उसे किसानों के मुद्दों पर हिसाब और जवाब देना पड़ता।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि तीनों कृषि विरोधी काले क़ानूनों को ना पारित करते चर्चा हुई, न ख़त्म करते हुए चर्चा हुई। क्योंकि चर्चा होती तो…हिसाब देना पड़ता, जबाब देना पड़ता… खेती को मुट्ठी भर धन्ना सेठों की ड्योढ़ी पर बेचने के षड्यंत्र का। 700 से अधिक किसानों की शहादत का। फसल का एमएसपी न देने का। 

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा ने विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी प्रदान कर दी।

बता दें कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 लाई थी।

करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की मुख्य मांग इन तीनों कानूनों को रद्द करना थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को पिछले दिनों इन कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।

Anu Malhotra

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