एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी वाले मामले के बाद, दुखी होकर कुणाल कामरा ने उठा लिया बड़ा कदम
punjabkesari.in Monday, Apr 07, 2025 - 12:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लोकप्रिय स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा इस समय संकट के दौर में एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार किसी मजेदार जोक की वजह से नहीं बल्कि एक गंभीर कानूनी विवाद के चलते। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर की गई कथित "गद्दार" टिप्पणी के मामले में कामरा ने बड़ा कदम उठाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने मांग की है कि उनके खिलाफ दर्ज FIR रद्द की जाए, क्योंकि यह उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुणाल कामरा ने मुंबई के खार स्थित हैबिटैट स्टूडियो में अपने एक कॉमेडी शो के दौरान एकनाथ शिंदे को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। उनका कहना था कि शिंदे ने शिवसेना से अलग होकर जो किया, वह "नैतिक रूप से ग़लत" था। इस बयान को लेकर शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद कामरा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(1)(b), 353(2) और 356(2) के तहत मामला दर्ज किया गया।
FIR में क्या आरोप लगे हैं?
FIR में कहा गया है कि कामरा ने एकनाथ शिंदे की नैतिक छवि पर सवाल उठाए, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। यह भी आरोप है कि इस बयान ने दो राजनीतिक दलों के बीच शत्रुता को बढ़ावा दिया, जिससे सार्वजनिक उपद्रव की स्थिति बन सकती थी। यह मामला पहले MIDC पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था, जिसे बाद में खार पुलिस स्टेशन ट्रांसफर कर दिया गया। पुलिस ने कामरा को तीन बार समन भेजा, लेकिन उन्होंने हाजिरी नहीं दी।
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में क्या कहा कामरा ने?
कामरा ने 5 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर FIR रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह मामला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(A), 19(1)(G) और 21 के तहत दिए गए उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
“मुझे अपने विचार व्यक्त करने और पेशेवर रूप से कॉमेडी करने का अधिकार है। यह शिकायत पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है,” – याचिका में कामरा का पक्ष
21 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
हाईकोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, कामरा की याचिका पर अगली सुनवाई 21 अप्रैल को न्यायमूर्ति सारंग वी. कोतवाल और श्रीराम एम. मोडक की खंडपीठ के सामने होगी। तब तक मामले में कोई भी गिरफ्तारी या कड़ी कार्रवाई नहीं की जा सकती।
मद्रास हाईकोर्ट से पहले ही मिली थी राहत
इससे पहले कामरा ने मद्रास हाईकोर्ट से अंतरिम अग्रिम जमानत ली थी। उन्होंने तर्क दिया कि वे तमिलनाडु के निवासी हैं और महाराष्ट्र आने पर गिरफ्तारी या जान को खतरा हो सकता है। कोर्ट ने उन्हें 7 अप्रैल तक की अंतरिम सुरक्षा दी थी। कामरा ने कोर्ट से यह भी कहा कि वीडियो के अपलोड के बाद उनकी संपत्ति पर हमला किया गया, जिससे यह साफ है कि मामला सिर्फ FIR तक सीमित नहीं बल्कि उन्हें नुकसान पहुंचाने की मंशा से किया गया है।
क्या है बड़ा सवाल? - अभिव्यक्ति बनाम अपमान
यह मामला केवल एक कॉमेडियन और एक नेता के बीच का विवाद नहीं है, बल्कि यह बहस है अभिव्यक्ति की आज़ादी बनाम राजनीतिक प्रतिष्ठा की रक्षा की। सवाल उठता है कि क्या एक कलाकार को व्यंग्य और आलोचना के नाम पर किसी भी हद तक जाने की छूट होनी चाहिए या फिर राजनीतिक पदों की गरिमा बनाए रखने के लिए कुछ सीमाएं जरूरी हैं?
कुणाल कामरा पहले भी रह चुके हैं विवादों में
यह पहली बार नहीं है जब कामरा कानूनी पचड़े में फंसे हैं। इससे पहले भी वह अर्नब गोस्वामी को लेकर की गई टिप्पणियों के चलते कोर्ट की अवमानना के मामले में घिर चुके हैं। कामरा की कॉमेडी हमेशा राजनीतिक और सामाजिक आलोचना से भरपूर रहती है, जिसके कारण वह अक्सर चर्चा में रहते हैं।