इस्तीफा देने के बाद बोले पनगढ़िया- PM मोदी को पहले से थी जानकारी

Wednesday, Aug 02, 2017 - 03:02 PM (IST)

नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में पद छोडऩे के बाद अरविंद पनगढ़िया ने बताया कि यह अचानक लिया गया फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि  इसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2 महीने पहले ही बता दिया था। इस्तीफा देने के बाद एक इंटरव्यू में पनगढिय़ा ने कहा कि मैं पहले कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था, मुझे भारत माता की सेवा करने का मौका मिला था। उनकी छुट्टियां खत्म हो रही थीं इसलिए उन्होंने पीएम मोदी से बात की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक पड़ाव था, मंजिल नहीं थी। मैं अब वापस लौटना चाहता हूं। 

न्यू इंडिया कार्यक्रम में भूमिका निभाते रहेंगे
पनगढ़िया ने कहा कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी से कोई रिटायर नहीं होता है, वहां पर किसी भी उम्र तक आप काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले को किसी और तरीके से नहीं देखना चाहिए। अभी तक के कार्यकाल में मुझे सभी का साथ मिला था। प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया कार्यक्रम में वह आगे भी भूमिका निभाते रहेंगे, दो देशों की दूरी से संबंध कमजोर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग में हमने उन सभी शंकाओं को दूर कर दिया है, जिनमें कहा जाता था कि राज्यों और केंद्र के बीच बातचीत कम हो रही है। नीति आयोग राज्य में जाकर ही विकास के मुद्दे पर बात करता है। 

पनगढिय़ा बने थे नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष 
गौरतलब है कि भारतीय अमेरिकी मूल के अर्थशास्त्री और कोलंबिया विश्वविद्यालय में भारतीय राजनीतिक अर्थशास्त्र के प्रोफैसर पनगढ़िया नीति आयोग के जनवरी, 2015 में पहले उपाध्यक्ष बने थे। उस समय योजना आयोग का समाप्त कर नीति आयोग बनाया गया था। वह आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बाद दूसरे ऐसे हाई प्रोफाइल शिक्षाविद अर्थशास्त्री हैं जो भारत का प्रतिष्ठित पद छोड़कर अमेरिका में अध्यापन से जुडऩे जा रहे हैं। 64 वर्षीय पनगढिय़ा कोलंबिया यूनिवर्सिटी में भारतीय राजनीतिक अर्थशास्त्र के प्रोफैसर हैं और सरकार के थिंक टैंक में उनका कोई निश्चित कार्यकाल नहीं है।

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