महाराष्ट्र और पंजाब के बाद बंगाल में BJP को झटका, बिमल गुरुंग NDA से हुए अलग
Wednesday, Oct 21, 2020 - 07:46 PM (IST)
कोलकाताः महाराष्ट्र में दिग्गज नेता एकनाथ खड़से के पार्टी छोड़ने के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी को झटका लगा है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो बिमल गुरुंग ने कहा- 'केंद्र ने गोरखालैंड को लेकर अपने वादे नहीं पूरे किए। ममता बनर्जी ने अपने सभी वादे पूरे किए हैं। इसलिए मैं NDA से अलग हो रहा हूं। 2021 के विधानसभा चुनाव में हम तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर बीजेपी को जवाब देंगे।
लंबे समय से गोरखालैंड के लिए झंडा बुलंद करने वाले बिमल गुरुंग ने कहा है कि हमारी मांग अभी भी बनी हुई है। हम अपनी मांग को आगे लेकर जाएंगे। ये हमारा लक्ष्य और विजन है। 2024 के लोकसभा चुनाव में हम उसी पार्टी को सपोर्ट करेंगे जो हमारी मांगें मानेगी।
Centre didn't meet the commitment they made but Mamata Banerjee fulfilled all promises she made. So, I would like to separate myself from NDA, I would like to break our relation with BJP. In 2021 Bengal election we'll forge an alliance with TMC & give a reply to BJP: Bimal Gurung https://t.co/37j9SQQrnf
— ANI (@ANI) October 21, 2020
गौरतलब है कि गोरखालैंड की मांग को लेकर पिछले तीन सालों से फरार चल रहे बिमल गुरुंग एकाएक बुधवार को कोलकाता में प्रकट हो गए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा-मैं कोई अपराधी नहीं हूं। ना ही मैं देशद्रोही हूं। मैं एक पॉलिटिकल लीडर हूं। मैं अपनी राजनीतिक मांग के लिए राजनीतिक उपाय चाहता हूं।
2017 में कथित तौर पर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा एक पुलिसकर्मी की हत्या के बाद से बिमल गुरुंग अंडरग्राउंड चल रहे थे। बंगाल पुलिस ने उन पर लुकआउट नोटिस जारी किया था और आतंकरोधी कानून UAPA के तहत धाराएं दर्ज की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होने कहा- हमने बीजेपी को 12 सालों तक समर्थन दिया लेकिन हमारी मांगों को लेकर कुछ नहीं हुआ। अब मैं घोषणा करता हूं कि 2021 विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को समर्थन दूंगा. अब मैं एनडीए के साथ नहीं हूं।
गौरतलब है कि अगले साल बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में बिमल गुरुंग की वापसी को बड़े परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है। ममता बनर्जी सरकार गोरखा जनमुक्ति मोर्चा में बिमल गुरुंग के प्रतिद्वंद्वी बिनॉय तमांग का समर्थन करती रही है। अब बिमल गुरुंग के ममता बनर्जी के समर्थन में आने से दार्जिलिंग के इलाकों में राजनीतिक पासा पलट सकता है।