दिल्ली सरकार के रवैये पर HC ने उठाए सवाल, लॉकडाउन के बाद से बच्चों को नहीं मिला मिड-डे-मील

Wednesday, Jul 01, 2020 - 04:57 PM (IST)

नई दिल्ली/डेस्क। कोरोना लॉकडाउन के कारण मार्च के महीने से ही स्कूल बंद हैं। ऐसे में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में मिलने वाला मिड-डे-मील बच्चों को मिलना बंद हो गया है। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के बच्चों को लेकर इस रवैये पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट का कहना है कि मिड-डे-मील के कारण बच्चे क्यों महीनों परेशान रहें। 

लॉकडाउन के बाद से स्कूल बंद होने के कारण 12 लाख बच्चों को मिड-डे-मील नहीं मिला। दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं। लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों की नौकरियां भी गई हैं। ऐसे में बच्चों को मिड-डे-मील दिए जाने से थोड़ा सहारा हो सकता था, लेकिन जब से स्कूल बंद हैं तब से उनको मिड-डे-मील मिला ही नहीं। 

 

हाईर्कोट ने दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए
दिल्ली हाईकोर्ट में मिड-डे-मील न मिलने को लेकर एक याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईर्कोट ने दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए और नाराजगी जाहिर की। महिला एकता मंच नाम के एनजीओ की ओर  से वकील कमलेश कुमार ने ये याचिका हाईकोर्ट में दायर की है। इस याचिका में मांग की गई है कि या तो बच्चों के घरों में उनके लिए भोजन की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाए या फिर उनके अकाउंट में मिड-डे-मील अलाउंस के तौर पर पैसा डाला जाए। 

 

दिल्ली सरकार ने कहा केंद्र नहीं दिया फंड
याचिका में कहा गया है कि कोरोना संकट के समय में बच्चों के पोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए मिड-डे-मील जरूरी है। वहीं दिल्ली सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार ने उनको अब तक मिड-डे-मील के लिए फंड जारी नहीं किया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि फंड को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों में बातचीत चलती रहती है लेकिन इसका असर बच्चों के स्वास्थ्य पर नहीं पड़ना चाहिए। 

वहीं इस मामले में केंद्र सरकार का कहना है कि साढे तेरह मीट्रिक टन अनाज सभी राज्यों के मिड-डे-मील के तौर पर दिया गया है। दिल्ली सराकर ने इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी। 

 

Murari Sharan

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