फर्नांडिस के पार्थिव शरीर का दाह संस्कार करने के बाद अस्थियों को दफनाया जाएगा

Wednesday, Jan 30, 2019 - 09:54 AM (IST)

नई दिल्लीः पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस का यहां लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में अंतिम संस्कार होगा। उनकी इच्छा के मुताबिक दाह संस्कार के बाद उनकी अस्थियों को दफनाया जाएगा। उनकी करीबी सहयोगी जया जेटली ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि फर्नांडिस का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार सुबह दिल्ली में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। समता पार्टी की पूर्व प्रमुख ने कहा कि फर्नांडिस शुरू में चाहते थे कि मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शरीर का दाह संस्कार किया जाए लेकिन बाद में उन्होंने दफन किए जाने की भी इच्छा जताई थी।

जेटली ने कहा कि अंतिम संस्कार लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में होगा। हम उनकी इच्छानुसार दोनों चीजें करेंगे। पार्थिव शरीर का दाह संस्कार किया जाएगा और उसके बाद अस्थियों को दफना कर उनकी दोनों इच्छाओं को पूरा किया जाएगा। समाजवादी नेता फर्नांडिस करगिल युद्ध (1999) के समय रक्षा मंत्री रहे थे। उन्होंने 1977 में कोका कोला को देश से अपना कारोबार समेटने पर मजबूर किया था। जेटली ने बताया कि फर्नांडिस अल्जाइमर से ग्रस्त थे जिसके चलते वह कई साल से सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे थे। कर्नाटक में मंगलुरू के एक ईसाई परिवार में जन्में फर्नांडिस मुंबई में मजदूर संगठन के नेता के तौर पर राष्ट्रीय फलक पर उभरे थे और उन्होंने 1974 में रेलवे की एक हड़ताल का आह्वान किया था, जिससे पूरा देश ठहर गया था।


फर्नांडिस के जीवन का अहम अध्याय था बड़ौदा डायनामाइट मामला

इंदिरा गांधी सरकार के दौरान लगाए गए आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ने को लेकर जेल गए जॉर्ज फर्नांडिस के जीवन का एक अहम अध्याय ‘‘बड़ौदा डायनामाइट केस’’ भी रहा था। यह मामला 40 से भी अधिक पुराना है। पुल और रेल एवं सड़क मार्गों को विस्फोट कर उड़ाने के लिए डायनामाइट हासिल करने की साजिश रचने के आरोप में फर्नांडिस को 1976 में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था। आपातकाल के दौरान उनके साथ काम चुके एक कार्यकर्त्ता ने बताया कि डायनामाइट खरीद कर सरकार को यह संदेश देने की योजना थी कि वे आपातकाल लगाए जाने के आगे नहीं झुकेंगे।

बड़ौदा डायनामाइट मामले में सीबीआई के आरोपपत्र में कहा गया था कि जांच से पता चला कि 25/6/1975 को देश में आपातकाल की घोषणा किए जाने पर फर्नांडिस भूमिगत हो गए और उन्होंने आपातकाल लगाए जाने के खिलाफ प्रतिरोध करने तथा आपराधिक ताकत का प्रदर्शन कर सरकार को डराने का फैसला किया। फर्नांडिस को इस साजिश का सरगना के तौर पर दिखाया गया था और दिल्ली की एक अदालत में सीबीआई द्वारा दाखिल आरोपपत्र में उन्हें आरोपी नंबर एक बनाया गया था। बड़ौदा पुलिस ने शहर के रावपुरा इलाके में एक छापे के दौरान विस्फोटक बरामद किए थे। फर्नांडिस को जून 1976 में 22 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया। हालांकि, अदालत में फर्नांडिस ने अपनी ओर से इस तरह की किसी साजिश किए जाने के बात से इनकार किया और सीबीआई के आरोपपत्र को मनगढ़ंत बताया था।

Seema Sharma

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