चीन के बाद भारत पहुंचा HMPV वायरस, अब तक 10 मामले; जानिए इससे बचने के उपाय
punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2025 - 06:04 AM (IST)
नेशनल डेस्कः कोविड-19 महामारी से दुनियाभर में लंबा लॉकडाउन लगा रहा और लाखों लोगों की मौत भी हुई। लगभग 4 साल बाद इस महामारी से उबरने के बाद चैन की सांस ली ही थी कि अब एक और वायरस ने दुनियाभर में चिंताएं बढ़ा दी हैं। दरअसल, रिपोर्ट्स बताती हैं कि चीन घातक कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चार साल बाद एक और महामारी से जूझ रहा है। इस महामारी का कारण एक वायरस है जिसका नाम है, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)। इस वायरस के कारण कई देश इसके प्रसार पर निगरानी रख रहे हैं। दुनिया के साथ भारत ने भी इस पर निगरानी रखनी शुरू कर दी गई है।
भारत में भी एचएमपीवी वायरस के कुल 10 केस सामने आ चुके हैं, जिसमें 2 बेंगलुरु, 1 गुजरात, 2 चेन्नई, 3 कोलकाता और 2 नागपुर में संक्रमण की पुष्टि हुई है। ऐसे में आपको भी थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। वहीं एचएमपीवी के बढ़ते केस के बीच केंद्र ने राज्यों से देश में श्वसन संबंधी बीमारियों पर निगरानी की समीक्षा करने को कहा है। केंद्र सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पहले ही कह दिया है कि हमें समय-समय पर ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस से संबंधित अपडेट देते रहना चाहिए।
एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के सांस लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं। हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है। वायरस संक्रमित मरीज में सबसे आम लक्षण खांसी है। इसके साथ हल्का बुखार, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसी परेशानी भी हो सकती है। वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं। सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा है कि भारत का निगरानी नेटवर्क सतर्क बना हुआ है और देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है। हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।
देश में एचएमपीवी वायरस के मामले बढ़ने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्चुअल मोड में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की। स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) निगरानी को मजबूत करना चाहिए और इसकी समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में किसी भी संभावित स्थिति के लिए तैयार है।
ये बैठक भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और चीन में एचएमपीवी मामलों में उछाल की रिपोर्ट के बाद रखी गई थी। इसके साथ ही इस बैठक में सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की भी समीक्षा की गई। इसमें सचिव (डीएचआर) डॉ. राजीव बहल, डीजीएचएस डॉ. (प्रो.) अतुल गोयल, राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और अधिकारी, एनसीडीसी, आईडीएसपी, आईसीएमआर, एनआईवी और आईडीएसपी की राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञ शामिल हुए।
बैठक में राज्यों को सलाह दी गई है कि वे वायरस की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करें। साथ ही लोगों को बताएं कि वे साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं। बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें। बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें। खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
मास्क से आसानी से हो सकता है HMPV वायरस से बचाव
केरल के कोट्टायम की जिला चिकित्सा अधिकारी एन. प्रिया ने HMPV वायरस पर कहा कि इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। ये कोई नया वायरस नहीं है क्योंकि ये पहले से ही हमारे देश में है… हम मास्क पहनकर आसानी से इस वायरस से बच सकते हैं।
एचएमपीवी के मामले बढ़ने के कारण ओडिशा हाई अलर्ट पर
कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों का पता चलने के बीच, ओडिशा सरकार ने राज्य में सभी चिकित्सा सुविधाओं और प्रयोगशालाओं से किसी भी संभावित प्रकोप के लिए तैयार रहने को कहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मुकेश महालिंग ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद जनता को आश्वस्त किया कि देश के अन्य हिस्सों में कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन ओडिशा में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है।
बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकारों ने शांति बनाए रखने की अपील की
कर्नाटक, पंजाब और झारखंड के स्वास्थ्य मंत्रियों ने देश के अन्य हिस्सों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों का पता चलने पर लोगों को आश्वस्त किया है कि वे घबराएं नहीं। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने मंगलवार को कहा कि राज्य HMPV से प्रभावित नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि चिंता की कोई बात नहीं है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने भी इसी तरह की बातें दोहराईं। उन्होंने HMPV को एक हल्का वायरस बताया जो COVID-19 के विपरीत गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनता है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि अस्पताल और आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से तैयार हैं, उन्होंने कहा कि सर्दी या खांसी से पीड़ित लोगों को मास्क पहनना चाहिए। कर्नाटक में, चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश ने भी कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, जिससे वायरस को लेकर चिंताएं और शांत हो गईं।