आखिर 26 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस, ये है बड़ी वजह

Thursday, Nov 26, 2020 - 02:04 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है। साल 1949 में 26 नवंबर यानी आज ही के दिन भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था। भारत का संविधान दुनिया के सभी संविधानों को परखने के बाद बनाया गया था इसलिए इस संविधान को सबस महत्वपूर्ण संविधान कहा जाता है। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया था। 


विश्व का सबसे बड़ा संविधान
बता दें कि डॉ. भीमराव अंबेदकर ने संविधान को दो साल, 11 महीने और 18 दिनों में तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया था। विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा है। इसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 94 संसोधन शामिल हैं। भारत का संविधान एक हस्तलिखित है। इसमें 48 आर्टिकल हैं। 


26 नवंबर को संविधान दिवस
26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इसे अपनाया गया और 26 नवंबर 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। डॉ. भीमराव अंबेदकर के योगदान को याद करने और संविधान के महत्व का प्रसार करने के लिए संविधान दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा पहली बार 2015 में संविधान दिवस मनाया गया। 29 अगस्त 1947 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति की स्थापना हुई जिसमें अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर की नियुक्ति हुई। जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।


संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित और कॉलीग्राफ्ड थी, इसमें किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंट का प्रयोग नहीं किया गया। जिस दिन भारत का संविधान तैयार किया जा रहा था, उस दिन बारिश हो रही थी। भारत की संस्कृति में इसे शुभ संकेत माना जाता है। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। दो दिन बाद इसे लागू किया गया था।

rajesh kumar

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