आखिर ‘पीएम केयर्स'' कोष की छानबीन क्यों नहीं हो सकती: माकपा
Thursday, Aug 20, 2020 - 12:34 AM (IST)
नई दिल्लीः मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को सवाल किया कि जब ‘पीएम केयर्स' कोष में सरकारी कर्मचारियों के वेतन से अनुदान लिया जा सकता है तो फिर इस कोष की छानबीन क्यों नहीं हो सकती? पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘पीएम केयर्स को छानबीन से छूट है, जबकि इसमें सरकारी कर्मचारियों और सांसदों के वेतन से योगदान लिया गया। ऐसा क्यों?''
Now after 140 days the opaqueness of this private trust fund- PM Cares has found legal sanction !
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) August 19, 2020
Transfer this fund to the States to combat this pandemic more effectively. https://t.co/d8xPAFl68s
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को कोविड-19 से लड़ने के लिए पीएम केयर्स फंड में मिली दान की राशि को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) में स्थानांतरित करने का निर्देश देने से मंगलवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की तीन सदस्यीय पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनाये गये अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष में स्वेच्छा से योगदान किया जा सकता है क्योंकि आपदा प्रबंधन कानून के तहत ऐसा कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है।
गैर सरकारी संगठन सेन्टर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशंस ने इस जनहित याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया था कि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए पीएम केयर्स कोष में जमा राशि एनडीआरएफ में स्थानांतरित करने का निर्देश केन्द्र को दिया जाए। केंद्र ने कोविड-19 महामारी जैसी आपात स्थिति से निबटने और प्रभावित लोगों को राहत उपलब्ध कराने के इरादे से 28 मार्च को प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत (पीएम केयर्स) कोष की स्थापना की थी। प्रधानमंत्री इस पीएम केयर्स फंड के पदेन अध्यक्ष हैं और रक्षामंत्री, गृहमंत्री और वित्तमंत्री पदेन न्यासी हैं।