10 साल तक लड़के के वेश में रही अफगान लड़की

Monday, Apr 23, 2018 - 07:25 PM (IST)

इंटरनेशन डेस्कः एक अफगान परिवार ने सितारा वफादार नाम की लड़की को 10 साल से ज्यादा वक्त तक लड़के के वेश में रखा। सितारा का कोई भाई नहीं है, जिसके चलते उसके माता-पिता ने उसे बेटे के वेश में रहने के लिए मजबूर किया।

उसकी पांच बहनें हैं और कोई भाई नहीं है, उसे अफगानिस्तान की बाशा पोशी परंपना का पालन कराया गया । इस परंपरा के तहत किसी लड़की को लड़के के वेश में रखा जाता है। जो पितृ प्रधान समाज वाले देश में परिवार में बेटी एक बेटे की भूमिका निभाती है।

सितारा और उसके पिता एक ईंट भट्ठे पर हफ्ते में छह दिन बंधुआ मजदूर के रूप में कार्य करते हैं। ताकि परिवार का गुजारा हो सके। उसने कहा कि मेरे पिता हमेशा कहते हैं कि सितारा मेरे बेटे की तरह है और कभी-कभी मैं उनके बडे़ बेटे का फर्ज निभाते हुए लोगों के जनाजे (अंतिम संस्कार) में भी जाती हूं।

अफगानिस्तान में प्रायः ऐसा देखा जाता है कि ज्यादातर लड़कियां तरूणायी शुरू होने पर लड़के की वेश-भूषा रखना बंद कर देती हैं। जबकि कुछ लड़कियां लड़कों की तरह ही आजाद रहने के लिए ऐसा करना जारी रखती हैं।

वहीं सितारा का कहना है कि उसने तरूणायी में पहुंचने के बाद भी पुरूषों जैसे कपड़े पहनना जारी रखा था ताकि ईंट भट्ठे पर खुद की हिफाजत कर सकें। वह एक दिन में करीब 500 ईंट बनाती है। जिसके बदले उसे करीब 2 डॉलर मिलते हैं।

काबुल विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के प्रोफेसर बरयालई फितरत बताते हैं कि बाशा पोशो परंपरा का पालन प्रमुखतया अफगानिस्तान के पुरातनपंथी क्षेत्रों में ही किया जाता है। 

Yaspal

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