बजट से पहले विमान कंपनियों को केंद्र ने दी बड़ी राहत, खत्म किया ईंधन शुल्क

Thursday, Jan 09, 2020 - 07:25 PM (IST)

नई दिल्लीः विमान सेवा कंपनियों को देश के किसी भी हवाई अड्डे पर विमान ईंधन भरवाने के लिए अब हवाई अड्डा संचालक को कोई शुल्क नहीं देना होगा। नागर विमानन मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से इस शुल्क को समाप्त करने का आदेश दिया है। उसने कहा है कि हवाई परिवहन क्षेत्र में कारोबार को लाभप्रद बनाये रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।

बुधवार को जारी इस पत्र में कहा गया है कि हवाई अड्डा संचालक विमान ईंधन की आपूर्ति के लिए भूमि के इस्तेमाल के मद में तेल विपणन कंपनियों से शुल्क लेते हैं। इसके अलावा वे बिना कोई वास्तविक सेवा दिये विमान सेवा कंपनियों से भी शुल्क लेते हैं। इसलिए इस शुल्क को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। यह शुल्क विमान ईंधन की कीमत के अलावा होता है। कुछ हवाई अड्डों पर विमान ईंधन भरवाने पर हवाई अड्डा संचालक शुल्क, ईंधन बुनियादी ढाँचा शुल्क और ‘इनटू प्लने' शुल्क के रूप में लिया जाता है।

अन्य हवाई अड्डों पर तीन शुल्कों को जोड़कर ईंधन भरने का शुल्क (एफटीसी) लगाया जाता है। मंत्रालय ने बताया है कि उसने विमान सेवा कंपनियों, हवाई अड्डों, ईंधन बुनियादी ढाँचा सुविधा प्रदाता, तेल विपणन कंपनियों तथा अन्य हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय किया गया है।

मंत्रालय ने कहा है कि इससे हवाई अड्डा संचालकों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए हवाई अड्डा शुल्क की दरें उसी के अनुसार तय की जायेंगी। विमान सेवा कंपनियों के कुल व्यय का 35 से 40 प्रतिशत विमान ईंधन के मद में होता है।

उल्लेखनीय है कि नागर विमानन मंत्रालय एयरलाइंस को राहत देने के लिए विमान ईंधन को जीएसटी में शामिल कराने के लिए प्रयास करता रहा है, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली है। इसलिए मंत्रालय ने विमान ईंधन भरवाने का शुल्क समाप्त कर विमान सेवा कंपनियों को तात्कालिक राहत दी है।

Yaspal

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