कोविड-19 टीके को लेकर गर्भवती महिलाओं के लिए सलाह, नहीं होता इससे काई जोखिम

Sunday, Jun 13, 2021 - 01:52 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: टीकाकरण संबंधी ताजा परामर्श के मद्देनजर न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया गर्भवती महिलाओं को फाइजर के कोविड-19 टीके की खुराक नियमित तौर पर देंगे। एक अध्ययन में बताया गया है कि आम आबादी की तुलना में गर्भवती महिलाओं में गंभीर संक्रमण की अधिक आशंका है, जिसके कारण यह फैसला किया गया। विश्वभर में टीकाकरण करा चुकीं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को टीके के कारण कोई जोखिम होने की जानकारी नहीं मिली है।

 

 

  • टीकाकरण करा चुकीं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को टीके के कारण कोई जोखिम नहीं 
  • गर्भावस्था में टीकाकरण से शिशु की भी हो सकती है रक्षा 
  • टीकाकरण से जन्म के पहले और जन्म के बाद बच्चों को मिलती है अस्थायी सुरक्षा 
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी टीके से स्वास्थ्य संबंधी कोई नुकसान नहीं 
  • गर्भधारण का प्रयास करने वाली महिलाओं को भी टीकाकरण में नहीं करनी चाहिए देरी 
  • टीकाकरण के बाद गर्भधारण में भी कोई समस्या नहीं 
  • गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में गहन देखभाल की ज्यादा जरूरत

 

टीकाकरण से शिशु की भी हो सकती है रक्षा 
 गर्भावस्था में टीकाकरण से शिशु की भी रक्षा हो सकती है। अध्ययन के दौरान नाभि नाल के रक्त में और मां के दूध में भी एंटीबॉडी मिलीं। इससे संकेत मिला कि टीकाकरण से जन्म के पहले और जन्म के बाद बच्चों को अस्थायी सुरक्षा मिलती है। यह इन्फ्लूएंजा और काली खांसी के टीके के समान है जो गर्भावस्था के दौरान दिए जाते हैं। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी कोविड-19 रोधी टीके के कारण स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा से जुड़ी कोई चिंता नहीं है और गर्भधारण का प्रयास करने वाली महिलाओं को भी टीकाकरण में देरी नहीं करनी चाहिए। टीकाकरण के बाद गर्भधारण में भी कोई समस्या नहीं है।


गर्भवती महिलाओं को देखभाल की ज्यादा जरूरत
न्यूजीलैंड की सरकार ने जब मार्च में टीकाकरण योजना की शुरुआत की, तब गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर तीसरे समूह में रखा गया था। इस समूह में 17 लाख लोग हैं जिन्हें कोविड-19 का ज्यादा खतरा है। अंतरराष्ट्रीय अध्ययन से पता चला कि कोविड-19 से संक्रमित होने पर बाकी आबादी की तुलना में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में गहन देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है। जिस प्रकार 65 साल और उससे ज्यादा उम्र समूह के लोगों या विभिन्न रोगों से ग्रस्त लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता पड़ने की अधिक आशंका होती है, उसी प्रकार गर्भवती महिलाओं में भी इसका अपेक्षाकृत अधिक खतरा है। इन समूहों के लोगों के संक्रमित होने पर गंभीर रूप से बीमार होने की ज्यादा आशंका रहती है।


महिलाएं गर्भावस्था के किसी भी चरण में टीके ले सकती हैं,
‘रॉयल ऑस्ट्रेलियन एंड न्यूजीलैंड कॉलेज ऑफ आब्स्टिट्रिशन एंड गाइनकालजिस्ट’ ने पूर्व में इसी तरह की सलाह प्रकाशित करते हुए कहा था कि महिलाएं गर्भावस्था के किसी भी चरण में टीके ले सकती हैं, खासकर अगर वह ज्यादा जोखिम वाली आबादी में शामिल हैं, लेकिन उन्होंने सामुदायिक स्तर पर संक्रमण दर कम होने की स्थिति में नियमित सार्वभौमिक टीकाकरण की सलाह नहीं दी। न्यूजीलैंड में प्रारंभिक सलाह की समीक्षा करना अत्यावश्यक हो गया, क्योंकि स्थानीय टीकाकरण केंद्रों ने अभियान के तहत तीसरे समूह के लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया है। 

 

गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को टीके के कारण कोई जोखिम नहीं 
गर्भावस्था में कोविड-19 संक्रमण के जोखिमों के बारे में अब और अधिक अध्ययन सामने आ रहे हैं तथा गर्भवती महिलाओं को एमआरएनए आधारित टीके (जैसे फाइजर-बायोएनटेक) दिए जाने के साथ अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी बढ़ रहा है। टीकों की सुरक्षा के आकलन के लिए आरंभ के क्लीनिक ट्रायल में गर्भवती महिलाएं शामिल नहीं की गयी थीं, लेकिन गर्भावस्था के दौरान टीका दिए जाने से किसी नुकसान के प्रमाण नहीं मिले हैं। अमेरिका में टीकों के परीक्षण में अब गर्भवती महिलाएं भी शामिल की जा रही हैं। अध्ययन के नतीजे इस साल के अंत तक मिलने की संभावना है।

 

(ऑकलैंड विश्वविद्यालय के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में वरिष्ठ लेक्चरर मिशेल वाइज)

vasudha

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