श्रद्धांजलि सभा में बोले आडवाणी, अटल जी की गैरमौजूदगी से हूं दुखी

Monday, Aug 20, 2018 - 07:00 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में सोमवार को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में सर्वदलीय प्रार्थना सभा आयोजित की गई। सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों और विपक्ष के कई नेता शामिल हुए।



श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं अटल जी शोक सभा को संबोधित करूंगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऐसी सभा को संबोधित करना पड़ेगा, जिसमें अटल भी अनुपस्थित रहेंगे। उन्होंने आगे कहा, मैंने जब अपने जीवन की पुस्तक लिखी तो उसमें अटल जी का उल्लेख था, लेकिन जब उसके लॉन्च में अटल जी नहीं आए तो मुझे बहुत कष्ट हुआ। आज वह स्वंय उपस्थित नहीं है, जिसमें अटल जी को जानने वाले तो वहीं विपक्ष के कई नेता भी आए हैं। जिसकी मुझे बहुत खुशी है।



आडवाणी ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि अटल जी 65 साल तक मेरे दोस्त रहे। इस दौरान उनके साथ मेरे कई अनुभव रहे। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। उनकी गैर-मौजूदगी में बोलने पर बहुत दुख हो रहा है।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि सभा में कहा कि जीवन कितना लंबा हो यह हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन जीवन कैसा हो ये हमारे हाथ में है और अटल जी ने यह करके दिखाया था कि जीवन कैसा हो, क्यों हो, किसके लिए हो और कैसे हो। किशोर अवस्था से लेकर जीवन के अंत तक अटल जी देश के लिए, देशवासियों के लिए और सामान्य लोगों के अरमानों के लिए जिए। अटल जी जब तक जिए, देश के लिए जिए।

पीएम मोदी ने कहा कि अटल जी ने कश्मीर पर दुनिया के सामने अलग नजरिया रखा, दुनिया का ध्यान कश्मीर में फैले आतंकवाद की तरफ खींचा। जिसका नतीजा ये हुआ कि कश्मीर चर्चा से हट गया और आतंकवाद चर्चा में आ गया।



वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अटल जी ने विपरीत हालात में भी काम किया था। मुझे युवावस्था में उन्हें जानने का मौका मिला। कॉलेज के दिनों में ही मुझे उन्हें जानने का मौका मिला। भागवत ने कहा कि मैं उनके भाषणम सुनने जाता था, उनकी सभी से मित्रता थी।



केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को अटल जी के निधन की पीड़ा है। ऐसा लगता है कि वह आज भी हमारे बीच हैं। अटल जी में सबको साथ लेकर चलने की कला श्रद्धेय थी। सिंह ने आगे कहा कि अटल जी को लोकप्रियता देश का प्रधानमंत्री बनने के कारण हासिल नहीं हुई, वह किसी भी राजनीतिक या सामाजिक क्षेत्र में यदि काम करते तो वह वैसे ही लोकप्रियता होते। जैसे प्रधानमंत्री बनने के बाद लोकप्रिय हुए।

Yaspal

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