मैं अपने आप को प्रेरित करती हूं: अन्या सिंह

punjabkesari.in Friday, Jul 28, 2017 - 11:20 AM (IST)

मुंबई: दिल्ली की लड़की अन्या सिंह, यशराज फिलम्स ‘कैदी बैड’ के साथ बॉलीवुड में एंट्री कर रही है। इनके साथ आदर जैन भी बॉलीवुड में शुरुआत कर रहे हैं जो रणबीर कपूर और करीना कपूर के कजन है। फिल्म का निर्देशन हबीब फैजल कर रहे हैं। अन्या के मुताबिक, वह अभी इस दुनिया में नई हैं और धीरे-धीरे कदम उठा रही है। अन्या कहती है, मैं अपने आप को प्रेरित करती हूं। आइए जानते हैं अन्या से मुलाकात के दौरान हुई बातचीत, जिसमें उन्होंने फिल्म और जिंदगी से जुड़ी बातें शेयर कीं।

1) आपको यह फिल्म कैसे मिली? सुना है आपने तीन फिल्में साइन की हैं?
कास्टिंग निर्देशक शानू मेहरा ने मुझे कॉफी शॉप में देखा था। मुझे पता था वह कौन है। इसी दौरान उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मुझे अभिनय में दिलचस्पी हैं? मैंने हामी भर दी तो उन्होंने मुझे फिल्म के ऑडिशन के बारे में बताया और पटकथा दी। उसके बाद मुझे तीन दिनों तक हर दिन आठ से दस राऊंड ऑडिशन देना पड़ा।

2) हमें अपने रोल के बारे में बताएं?
मैं बिंदिया चड्ढा की भूमिका निभा रही हूं, जिसे प्यार से लोग बिंदू बुलाते हैं। वह आशावादी लड़की है और छोटी-मोटी चोरी करती है। एक दिन किसी कारण से उसे जेल जाना पड़ता है लेकिन वह अपना विवेक और पागलपन नहीं खोती। वह जेलर की बात मानती है और जानती है कि किसी दिन वह इस नर्क से निकल पाएगी। वह साधारण पृष्ठभूमि से है। वह गायिका बनने का सपना देखती है।

3) असल जिंदगी से आपका फिल्म का चरित्र कितना मिलता-जुलता है?
फिल्म में मेरे किरदार की तरह मेरे भी कई सपने है। बॉलीवुड में नाम कमाने का सपना है। मैं अपने चरित्र से जुड़ती हूं। मुझे सपने साकार करने से कोई नहीं रोक सकता। 

4) आदर जैन के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा और क्या आप जानती थी कि वह कपूर खानदान से हैं?
आदर के साथ काम करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा। मुझे बताया था कि वह कपूर खानदान से है। एक पल भी उन्होंने मुझे महसूस नहीं होने दिया कि वह कपूर खानदान से है। वह शांत व्यक्ति है। वह दो फिल्मों में सहायक निर्देशक रह चुके हैं इसलिए कैमरे का सामना करने तकनीक जानते थे। आदर सैट पर बहुत मदद करते थे।

5) निर्देशक हबीब फैजल के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
निर्देशक हबीब फैजल शानदार निर्देशक है और जो भी मैंने अभिनय के बारे में सीखा है, वह शूटिंग के दौरान सीखा। फिर भी हबीब सर ने कभी धैर्य नहीं खोया। मैंने सैट पर काफी बारीकी सीखी। मैं पहले किसी से खुलकर बात नहीं कर पाती थी। उन्होंने अब इन बाधाओं को तोड़ दिया और मुझे सिखाया कि कैसे खुलकर भावनाओं को बाहर निकालना है।

6) क्या आप आदित्य चोपड़ा से मिली और उन्होंने आपको क्या सुझाव दिया?
मैं उन्हें दफ्तर में मिली थी और बातचीत हुई थी। उन्होंने मुझे समझाया कि तुम कहां से आई हो और क्या कर रही हो, इसकी चिंता न करो, इससे फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि अपनी कला को सीखना, निखारना और कड़ी मेहनत करना ही लक्ष्य होना चाहिए।

7)आपके माता-पिता और दोस्तों की प्रतिक्रिया क्या है?
मेरे माता-पिता और दोस्त तो आश्चर्यचकित है, क्योंकि उन्होंने मुझे पहले कभी एक्टिंग करते हुए नहीं देखा। ट्रेलर के दौरान मुझे एक दृश्य में देखकर हैरान हुए जहां मैं गुस्सा होती हूं। उन्होंने मुझे कभी ऐेसे नहीं देखा।

8) चूकि आप दिल्ली से हैं, मुंबई में अकेले रहना कैसा अनुभव रहा, आप अकेलेपन का कैसे सामना करती हैं?
मुंबई प्यारा शहर है। सौभाग्य से मेरी जान पहचान की कुछ लड़कियां यहां रहती है, मैं उनके साथ रहने लगी। मेरा कोई घनिष्ठ मित्र नहीं है तो कभी-कभी अकेलापन महसूस होता है। हमारा काम अनिमियत होने से और भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन मैं बोर्डिंग स्कूल में पढ़ी हुई हूं। हमेशा स्वतंत्र रही हूं। मैं जानती हूं कि मुझे अपनी लड़ाई कैसे लडऩी है। मैं हमेशा अपने आप से सवाल करती रहती हूं। मैं कभी हार नहीं मानती।


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