पानी समझ तेजाब पी गया 4 साल का बच्चा, तड़प-तड़प कर मौत

Monday, Sep 02, 2019 - 11:06 AM (IST)

पूर्वी दिल्ली: शादी समारोह में आए 4 साल के बच्चे ने गलती से तेजाब पी लिया जिसकी इलाज के दौरान मौत होगई। मृतक सिफान है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। सिफान इकलौता बेटा था। हादसा उस समय हुआ जब किसी ने बोतल में पानी समझकर उसे फ्रिज में रख दिया। उसके बाद सिफान ने उसे पानी समझ कर पी लिया। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस परिजनों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक सिफान का परिवार बुलंदशहर, उप्र में रहता है। पिता रियाज गाड़ी चलाते हैं।

 रियाज का ससुराल मुस्तफाबाद में है। गत 24 अगस्त को उनके साले की शादी थी। इसमें वह बेटे सिफान, बेटी और पत्नी के साथ शामिल होने के लिए यहां पहुंचे थे। शादी समारोह के दौरान ही घर में किसी ने तेजाब से भरे बोतल को पानी समझकर फ्रिज में रख दिया। 25 अगस्त की सुबह सिफान को प्यास लगी तो उसने फ्रिज से वही बोतल निकाल ली जिसमें तेजाब भरा हुआ था। एक-दो घूंट मुंह में जाते ही वह चिल्लाने लगा। परिजन ने देखा तो बोतल तेजाब वाली थी। बच्चे को उल्टी भी कराई गई लेकिन उसकी पेट में जलन कम नहीं हो रही थी। इस वजह से उसे जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया। शनिवार शाम इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

तेजाब की खुले में खरीद-बिक्री पर नहीं लग रही रोक
तेजाब की खुले में खरीद-बिक्री पर रोक के बावजूद लोगों के घर में यह आसानी से पहुंच रहा है। इसकी वजह से कई बच्चों की मौत हो चुकी है। नियमों को ताक पर रखकर धडल्ले से तेजाब की बिक्री हो रही है। लेकिन, इस पर प्रशासन और पुलिस का ध्यान नहीं है। बाजार में बाथरूम में इस्तेमाल करने वाला विभिन्न प्रकार का एसिड उपलब्ध है। इसकी बिक्री के लिए कोई मानक नहीं दिखता है। धड़ल्ले से इसकी खरीद-बिक्री हो रही है। शरीर और चेहरे के लिए यह काफी खतरनाक होता है। इसकी बिक्री पर कोई पाबंदी नहीं दिखती है। कोई भी आम आदमी इसे खरीद सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने तेजाब की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा रखी है। इसके लिए एक मानक तय है। इसमें दुकानदार को एक रजिस्टर रखना है। तेजाब खरीदने वालों का पहचान पत्र जिसमें उसका नाम, पता और मोबाइल नंबर रजिस्टर में अंकित करना है। लेकिन जिले में ऐसा नहीं होता है।

Anil dev

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