दिल्ली विस के मॉनसून सत्र के दौरान ''आप'' उठा सकती है किसानों के आंदोलन का मुद्दा
Wednesday, Jul 28, 2021 - 08:29 PM (IST)
नई दिल्लीः सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली विधानसभा के बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय मॉनसून सत्र में किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठा सकती है। वहीं, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को शहर में जल आपूर्ति और डीटीसी बसों की हालत पर घेरने की तैयारी कर रही है।
सत्तारूढ़ पार्टी के एक नेता ने कहा कि 26 जनवरी को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और पिछले साल उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित मामलों में अदालत में बहस के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त करने के दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव का मामला भी विधानसभा सत्र के दौरान आप के नेता उठा सकते हैं।
अरविंद केजरीवाल नीत सरकार ने इसे लेकर उपराज्यपाल की सिफारिश का कड़ा विरोध किया है और विशेष अभियोजकों के लिए दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को हाल में खारिज कर दिया है। उपराज्यपाल ने मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है।
बहरहाल, आप का ध्यान तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के मुद्दे पर होगा, क्योंकि पार्टी की नजरें अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव पर हैं जहां वह मुख्य विपक्षी दल है। पिछले साल नवंबर से मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की तीन सीमाओं--गाज़ीपुर, सिंघू बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर’ पर धरना दे रहे हैं। आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “विधानसभा में किसानों के मुद्दों पर तवज्जो दी जाएगी। फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करना एक बड़ा मुद्दा होगा। साथ ही किसानों के प्रदर्शन से जुड़े मामले भी उठाए जाएंगे।”
विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया है कि दिल्ली की सातवीं विधानसभा के दूसरे सत्र का दूसरा हिस्सा बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे शुरू होगा। भाजपा पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह जनहित के मुद्दों को उठाएगी और विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल से सत्र की अवधि को कम से कम पांच दिन बढ़ाने की मांग की है। विपक्ष के नेता रामवीर बिधूड़ी ने मंगलवार को कहा था कि भाजपा विधायकों ने मॉनसून सत्र को पांच दिन का करने की मांग को लेकर गोयल से मुलाकात की है और जनहित के मुद्दों को उठाने में उनका समर्थन मांगा है।
उन्होंने कहा कि विधायकों ने दिल्ली की जनता को प्रभावित करने वाले अहम मुद्दों पर चर्चा के नोटिस दिए हैं। बिधूड़ी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी फिलहाल "गंभीर" जल संकट और स्कूली शिक्षकों की "कमी" का सामना कर रही है, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के पास पुरानी बसें हैं, बड़े नालों को साफ नहीं किया गया, जिस कारण जलभराव हुआ, और कोविड की दूसरी लहर के कारण शहर की स्वास्थ्य प्रणाली " नाकाम" रही। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के आठ विधायक हैं जबकि सत्तारूढ़ आप के सदस्यों की संख्या 62 है।