बेहतर भारत बनाने के लिए मैं कोई भी कीमत चुकाने को हूं तैयारः PM मोदी

Thursday, Nov 30, 2017 - 02:15 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं बेहतर भारत के लिए उठाए गए कदमों की राजनीतिक कीमत चुकाने के लिए तैयार हूं लेकिन कोई भी मुझे इससे डिगा नहीं सकता है। मोदी आज '15वें हिंदुस्तान टाइम्स मीडिया समिट' को संबोधित करे रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में भ्रष्टाचार मुक्त, नागरिक केन्द्रित और विकास के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। नोटबंदी पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि इसके बाद देश के व्यवहार में बदलाव आया है। जो कालाधन पहले समानांतर अर्थव्यवस्था का हिस्सा था, वह मुख्य अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन गया। आधार पर मोदी ने कहा कि यह अब बेनामी संपत्ति के खिलाफ एक बड़ा हथियार बनने जा रहा है। इस इस कार्यक्रम में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल हैं।

मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश
-हमारी सरकार के लिए भ्रष्टाचार मुक्त, नागरिक-केन्द्रित और विकास हितैषी पारिस्थितिकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। नीतियों पर आधारित, तकनीक पर आधारित, पारर्दिशता पर आधारित एक ऐसी पारिस्थितिकी जिसमें गड़बड़ी होने की, लीकेज की, गुंजाइश कम से कम हो।

-दो साल पहले जब मैं यहां आया था तो हम 'टूवार्ड्स अ ब्राइटर इंडिया' पर बात कर रहे थे और आज दो साल बाद हम 'द इर्रिवर्सिबल राइस ऑफ इंडिया' पर बात कर रहे हैं।

-देशवासियों का देश पर भरोसा देश को ऊंचाईयों पर ले जाता है, भगवान बुद्ध ने कहा था कि अपना प्रकाश खुद बनो।

-देश के 15 करोड़ से ज्यादा गरीब सरकार की बीमा योजनाओं से जुड़ चुके हैं, इन योजनाओं के तहत गरीबों को लगभग 1800 करोड़ रुपए की बीमा राशि दी जा चुकी है।

-जनधन योजना ने गरीबों की जिंदगी बदल दी है, आज गरीब के पास अपना बैंक अकाउंट है।

-स्वच्छ भारत अभियान से लोगों की जिंदगी बदली है तो वहीं उज्जवला योजना ने करोड़ों महिलाओं की जिंदगी बेहतर की है।

-पहले की सरकार में जो LED बल्ब 300-350 का बिकता था, वो अब एक मध्यम वर्ग के परिवार को लगभग 50 रुपए में उपलब्ध है, #UajalaYojna शुरू होने के बाद से देश में अब तक लगभग 28 करोड़ #LED बल्ब बिक चुके हैं।

-अब तक बांस को देश के एक कानून में पेड़ माना जाता था, अब सरकार ने बांस को पेड़ की लिस्ट से हटा दिया है, इसका फायदा देश के दूर-दराज इलाके और खासकर उत्तर पूर्व के किसानों को होगा।

-दुनिया के ज्यादातर देश आज भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं, अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत अपना प्रभाव लगातार बढ़ा रहा है।

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