नई शिकायत के लिए एक विशिष्ट आंतरिक टिकट जारी किया जाएगा

Wednesday, May 31, 2023 - 05:59 PM (IST)

चंडीगढ़, 31 मई- (अर्चना सेठी) हरियाणा वासियों की समस्याओं व शिकायतों का त्वरित निपटान सुनिश्चित करने के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विजन के अनुरूप सोशल मीडिया ग्रीवांस ट्रैकर (एसएमजीटी) सुशासन के लिए एक अभिनव और कुशल माध्यम साबित हो रहा है।

मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार ध्रुव मजूमदार ने कहा कि सीएम विंडो और एसएमजीटी के सफल कार्यान्वयन से जनता का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है कि अब उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान हो रहा है और उन्हें कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते।

 मजूमदार ने एसएमजीटी के संबंध में विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।

उन्होंने बताया कि बैठक में इन-हाउस मॉड्यूलर एनआईसी द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली के बारे में नोडल अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए, ताकि कम से कम अवधि में जनमानस की समस्याओं का निवारण हो सके।


उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री टेक-फ्रेंडली हैं, जो आईटी के साथ-साथ डिजिटल मीडिया की बारीकियों को भी भली-भांति समझते हैं। उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण के कारण ही आज जनता को केवल एक क्लिक पर शिकायतों का समाधान मिल रहा है। इसी विश्वास और भरोसे के साथ ही नागरिक अपनी शिकायतों को मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @cmohry तथा मुख्यमंत्री के आधिकारिक फेसबुक पेज पर टैग कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि प्रदेश के नागरिक ‌डिजिटल प्रणाली के प्रति जागरूक बन रहे हैं।


 ध्रुव मजूमदार ने बताया कि वर्ष 2022 में लगभग 70,000 शिकायतों को एसएमजीटी से विभागों के संबंधित नोडल अधिकारियों को भेजा गया। ये अल्पकालिक शिकायतें मुख्य रूप से जलभराव, बिजली, कचरा, गड्ढे, पुलिस, तहसील से संबंधित मुद्दों आदि के बारे में थीं। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन औसतन 180-200 शिकायतें प्राप्त होती हैं, जिन्हें त्वरित कार्रवाई के लिए शिकायत की प्रकृति के आधार पर जिलों और विभागों को भेजा जाता है।

एनआईसी द्वारा विकसित एसएमजीटी सॉफ्टवेयर की अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए मजूमदार ने कहा कि अब हर नई शिकायत के लिए एक विशिष्ट आंतरिक टिकट जारी किया जाएगा जो शिकायत के समाधान तक नहीं बदलेगा। उन्होंने कहा कि यदि शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं होता है तो शिकायत फिर से विभाग के संबंधित अधिकारी को भेजी जाएगी। यह तंत्र चौबीसों घंटे लोगों की सहायता करता है।

Archna Sethi

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