सूर्य मंदिर पर टिप्पणी करने के बाद पत्रकार को मांगनी पड़ी माफी
Tuesday, Oct 23, 2018 - 11:49 PM (IST)
नेशनल डेस्कः कोणार्क का सूर्य मंदिर और ओडिया विधायकों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के बाद मंगलवार को सुरक्षा विश्लेषक और कॉलमनिस्ट अभिजीत अय्यर ओडिशा विधानसभा की एक समिति से माफी मांगने पहुंचे। अभिजीत को 2 नवंबर को वापस शपथ पत्र जमा करने के लिए कहा गया है।
क्या कहा विपक्ष के नेता मिश्रा ने
विपक्ष के नेता नरसिंह मिश्रा ने कहा, 'अभिजीत अय्यर-मित्रा ने उनके खिलाफ लगाए आरोपों को कबूल कर लिया है और इस 'मूखर्ता' के लिए बिना शर्त माफी मांगी है। उन्हें समिति के समक्ष पेश करने और इस संबंध में हलफनामा देने का निर्देश दिया गया है। मिश्रा ने कहा कि यदि जरूरत हुई तो समिति यह तय करने के लिए अपने हलफनामे की जांच कर सकती है कि क्या उनकी माफी को माना जाए या उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
क्या है पूरा मामला
अय्यर को पहले 11 अक्टूबर को पैनल के सामने उपस्थित होने के लिए बुलाया गया था। हालांकि अय्यर उस दिन पैनल के सामने पेश नहीं हुए थे, जिसके बाद 20 सितंबर को पत्रकार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल, उन्होंने ट्विटर पर 13वीं शताब्दी के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में अपनी यात्रा का एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर "भगवान जगन्नाथ और मूर्तिकला" के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
Investigating Officer decided to arrest him&produce him before court to consider his bail. As of now we aren't asking for remand as he cooperated with us:Odisha Police Commissioner on Journalist Abhijit Iyer Mitra who allegedly made objectionable remarks against Konark Sun Temple pic.twitter.com/ROq9QMOFuh
— ANI (@ANI) October 23, 2018
ओडिशा पुलिस का क्या कहना है
गौरतलब है कि पहले पत्रकार को निचली अदालत ने जमानत पर छोड़ दिया और 28 सितंबर तक ओडिशा पुलिस के सामने उपस्थित होने के लिए कहा था। हालांकि पत्रकार जांच में नहीं हुए और जान का खतरा होने की बात कहने लगे। ओडिशा हाईकोर्ट में पिछले महीने वकील हड़ताल पर थे। ऐसे में अय्यर ने गिरफ्तारी से सुरक्षा के लिए शीर्ष अदालत से संपर्क किया। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को रद्द कर दिया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा पुलिस ने अदालत से कहा कि उन्होंने 'कोणार्क सुर्य मंदिर' के बारे में अपमानजनक और गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की है, जो सांप्रदायिक माहौल खराब करने और लोगों की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे से की गई है।