कुछ दिन पहले ही बेटों का स्कूल में कराया था दाखिला, घर ढहने की घटना में व्यक्ति ने खोया अपना परिवार
punjabkesari.in Saturday, May 03, 2025 - 12:58 AM (IST)

नेशनल डेस्क : राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह भारी बारिश के कारण नजफगढ़ इलाके में एक मकान के ढह जाने से अजय नामक व्यक्ति ने अपना पूरा परिवार खो दिया। मजदूर के रूप में काम करने वाले 30 वर्षीय अजय ने कुछ दिन पहले ही अपने दोनों बेटों का स्कूल में दाखिला करवाया था और वह अपने छोटे से घर से कहीं और जाकर रहने की योजना बना रहे थे, लेकिन शुक्रवार को हुए दर्दनाक हादसे ने उनका यह सपना चकनाचूर कर दिया। नजफगढ़ के खरखरी नाहर गांव स्थित अजय के घर पर नीम का पेड़ गिर गया था, जिससे उनकी पत्नी ज्योति (आयु 28 वर्ष) और उनके तीन बेटे आर्यन (सात), ऋषभ (पांच) और सात महीने के प्रियांश की मौत हो गई थी।
वहीं, इस हादसे में अजय को मामूली चोट पहुंची थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालांकि बाद में छुट्टी दे दी गई थी। पिछले पांच-सात वर्षों से खेतों में काम करने वाले अजय 80 वर्ग मीटर के मकान में रहते थे। वह हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के निकट अपने पैतृक गांव गए थे और अपनी पत्नी और बच्चों को यहां लेकर आए थे। अजय के दोस्त काली चरण ने कहा, ‘‘वह बहुत मेहनती है और अपनी पत्नी और बच्चों को पैसे भेजता था। वे कानपुर के पास एक गांव में रहते थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक अच्छे घर में रहना चाहता था।
वे अस्थायी रूप से एक कमरे के मकान में रह रहा था और जल्द ही एक बड़े घर में जाने की योजना बना रहा था। उसने अपने बेटों को भी स्कूल में दाखिला कराया था, इस उम्मीद के साथ की वे कुछ बड़ा करेंगे और उन्हें गर्व महसूस कराएंगे।'' इस हादसे के कारण आस-पास रहने वाले लोगों की भी आंखें नम थीं। स्थानीय किशन सिंह ने बताया, ‘‘सुबह करीब छह बजे हमने अचानक लोगों को चिल्लाते हुए और उस मकान की ओर भागते हुए देखा। हम मौके पर पहुंचे। जब वहां हम वहां पहुंचे तो हमने देखा कि एक आदमी मदद के लिए चिल्ला रहा है। कई ग्रामीण इकट्ठा हो गए और किसी ने पुलिस और दमकल विभाग को इसकी सूचना दी।''
उन्होंने कहा, ‘‘जब पीड़ितों को अंतत: मलबे से बाहर निकाला गया तो वह दृश्य असहनीय था। लंबे समय तक यह दृश्य हमें परेशान करता रहेगा।'' एक अन्य ग्रामीण ने कहा, ‘‘बारिश ने अजय के परिवार को तबाह कर दिया। वह एक गरीब मजदूर था और खेतों में मेहनत करके अपना पेट पालता था। उसकी पत्नी दयालु और मददगार थी। कोई भी यह कल्पना नहीं कर सकता कि उनके साथ इतना गलत हो सकता है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आए और अजय की मदद करें। उसने अपना सब कुछ खो दिया है।''