ट्विटर पर राहुल गांधी से हो गई बड़ी गलती, डिलीट करना पड़ा ट्वीट
Monday, Apr 23, 2018 - 06:59 PM (IST)
नेशनल डेस्कः कांग्रेस ने सोमवार को राहुल गांधी के नेतृत्व में संविधान बचाओ रैली निकाली। राहुल ने इसकी जानकारी अपने ट्विटर हैंडल के जरिए दी, लेकिन जानकारी देते वक्त ट्विटर पर उनसे एक बड़ी चूक हो गई। उन्होंने ट्वीट में संविधान बचाओ रैली की जगह संसद घेराव रैली लिख दिया। हालांकि कुछ मिनट बाद यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया और सुधार करते उसकी जगह संविधान बचाओ रैली लिखकर ट्वीट किया गया। कांग्रेस के संविधान बचाओ रैली का मकसद संविधान एवं दलितों पर कथित हमलों के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर जोरशोर से प्रचारित करना है।
SC/ST एक्ट में हुए बदलाव के विरोध में दलित भाइयों और बहनों के साथ खड़े होने के लिए और BJP/RSS की दलितों के प्रति भेदभाव की नीति को बेनक़ाब करने के लिए आज तालकटोरा मैदान में “संविधान बचाओ” रैली में शामिल हों।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 23, 2018
आपकी भागीदारी और सहयोग की अपेक्षा है।#SaveTheConstitution
भारत में हो रहा महिलाओं पर अत्याचार
कांग्रेस अध्यक्ष ने संविधान बचाओ रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बलात्कार की घटनाओं पर चुप्पी साधने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी को सिर्फ 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री बनने की चिंता है। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख ने कहा कि भारत में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन मोदी जी चुप हैं, वह कुछ नहीं बोले। मोदी जी को केवल मोदी जी में दिलचस्पी है और किसी मुद्दे में नहीं। राहुल ने कहा कि मोदी को 2019 में फिर से प्रधानमंत्री बनने की चिंता है। लेकिन अगली बार उनको जनता अपने मन की बात सुनाएगी।
बकौल राहुल- मोदी जी सोचते हैं कि जो शौचालय साफ करता है या गंदगी उठाता है, वह यह काम पेट भरने के लिए नहीं करता बल्कि आध्यात्म के लिए करता है। उन्होंने कहा कि मोदी जी देश के दलित आपसे गुस्सा हैं क्योंकि आपकी विचारधार ऐसी है कि देश का हर व्यक्ति समझता है कि मोदी के दिल में दलितों, कमजोरों और महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है। गुजरात के ऊना में घटना होती है, वह कुछ नहीं बोलते हैं।
राहुल ने कहा कि संविधान देश के सभी लोगों की रक्षा करता है। इस देश में जो भी संस्थाएं हैं, वह हमारे संविधान की वजह से हैं। संविधान के बिना कुछ भी नहीं बनता। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जनता जज के पास जाती और न्याय मागती है, लेकिन देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि जज न्याय मांगने जनता के बीच आए। सुप्रीम कोर्ट को दबाया जा रहा है, संसद नहीं चलने दी जा रही क्योंकि मोदी जी संसद में जवाब देना नहीं चाहते।