दिल्ली के स्कूल में 3.5 साल की बच्ची के साथ हुआ डिटिजल रेप, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 11:45 AM (IST)

नेशनल डेस्क: ग्रेटर नोएडा में एक दिल दहला देने वाली घटना में एक स्कूल के स्विमिंग पूल में साढ़े तीन साल की बच्ची से डिजिटल रेप करने वाले आरोपी चंडीदास को जिला अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस फैसले से न्याय की उम्मीद जगी है और ऐसे जघन्य अपराधों के प्रति समाज में सख्त संदेश गया है।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना साल 2018 की है जब सूरजपुर थाना क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित स्कूल में एक साढ़े तीन साल की बच्ची स्विमिंग सीख रही थी। इसी दौरान स्कूल के लाइफ गार्ड चंडीदास ने बच्ची के साथ डिजिटल रेप की जघन्य वारदात को अंजाम दिया। आरोपी चंडीदास मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। इस मामले के दोषी को आजीवन कारावास के साथ 24,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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क्या होता है डिजिटल रेप?
अक्सर लोग 'डिजिटल रेप' शब्द का सही मतलब नहीं समझ पाते। यह दो शब्दों- 'डिजिट' और 'रेप' से मिलकर बना है। 'डिजिट' का मतलब उंगली या अंगूठा होता है। भारतीय कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी महिला या बच्ची के प्राइवेट पार्ट में उंगली या शरीर के किसी अन्य हिस्से को गलत इरादे से डालता है, तो उसे 'डिजिटल रेप' माना जाता है।
कठोर सजाओं का सिलसिला
यह पहला मामला नहीं है जब गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने इस तरह के अपराध में सख्त सजा सुनाई हो। इससे पहले 5 फरवरी 2023 को नोएडा के सेक्टर-142 में 5 साल की बच्ची से डिजिटल रेप के दोषी नारायण प्रभु को भी 20 साल की जेल और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने स्पष्ट किया था कि जुर्माना न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। ये फैसले दिखाते हैं कि अदालतें बच्चों के खिलाफ होने वाले ऐसे अपराधों को कितनी गंभीरता से ले रही हैं।
बच्चों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस तरह की घटनाएं स्कूलों और मोहल्लों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। माता-पिता को अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए और अधिक जागरूक होने की जरूरत है। साथ ही, स्कूलों और अन्य संस्थानों को भी बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम बनाने और उनका पालन करने की आवश्यकता है।