दलित मुद्दे पर संसद में हंगामा, तृणमूल ने की PM मोदी के बयान की मांग

Monday, Jul 25, 2016 - 03:15 PM (IST)

नई दिल्ली: देश भर में दलितों पर कथित अत्याचार की बढ़ती घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आज राज्यसभा की कार्रवाई से वाकआउट किया। यह मुद्दा उठाते हुए पार्टी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने शून्यकाल में कहा कि उन्होंने संविधान के प्रति असम्मान जाहिर करने की प्रवृत्ति और देश भर में दलितों तथा अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के मुद्दे पर आज नियमित कामकाज स्थगित कर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है।  

उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि नोटिस अस्वीकार कर दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस के ही सुखेन्दु शेखर रॉय ने कहा कि दलितों तथा अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करना सीधे तौर पर संविधान के प्रति असम्मान है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी का गठन किया है और दलितों तथा अल्पसंख्यकों पर हमले भी राष्ट्र विरोधी हैं। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों पर बढ़ती ज्यादतियों के संबंध में एक बयान देना चाहिए।’  

कुरियन ने कहा कि यह विषय महत्वपूर्ण है लेकिन नियम 267 के तहत दिया गया नोटिस अस्वीकार कर दिया गया है। इस पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने नारे लगाने शुरू कर दिया। उप सभापति ने स्पष्ट कहा कि उनका नोटिस नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि दलितों के मुद्दे पर सदन में एक बार चर्चा हो चुकी है। उसी विषय पर अभी चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस पर असंतोष जताते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। 

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