''गर्भपात'' काे लेकर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

Monday, Jul 25, 2016 - 04:05 PM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में 24 सप्ताह से अधिक की गर्भवती बलात्कार पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति प्रदान कर दी। न्यायमूर्ति जे एस केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को गर्भपात की अनुमति नहीं दी गई तो उसकी जान को खतरा हो सकता है।  

शीर्ष अदालत ने गत शुक्रवार को मुंबई के के.ई.एम अस्पताल के चिकित्सकों का एक बोर्ड गठित किया था, जिसने आज पीठ के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में मेडिकल बोर्ड ने इस बात की पुष्टि की है कि याचिकाकर्ता के गर्भ में पल रहा भ्रूण असामान्य है और यदि गर्भपात नहीं कराया गया तो बलात्कार पीड़िता के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। 

याचिकाकर्ता के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया था जिससे वह गर्भवती हो गई थी। उसका गर्भ 24 सप्ताह से अधिक का हो गया है जिसे खत्म करने की उसने अनुमति मांगी थी। याचिकाकर्ता ने चिकित्सकीय गर्भपात निरोधक कानून,1971 की धारा तीन (बी) की वैधता को चुनौती दी थी जिसके तहत 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ को खत्म कराने की अनुमति नहीं दी गई है। 

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