पंजाब से दूर नहीं रह सकता था इसलिए दिया इस्तीफा: नवजोत सिद्धू

Monday, Jul 25, 2016 - 12:25 PM (IST)

नई दिल्ली: बीते सोमवार यानी की 18 जुलाई को राज्यसभा सीट से इस्तीफ़ा देने वाले क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने नवजोत सिंह सिद्धू आज मीडिया से रू-ब-रू हुए। सिद्धू ने की प्रैस कांफ्रैंस में कहा कि उन्हें पंजाब से दूर रहने को कहा गया इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया क्योंकि मैं उसे कैसे छोड़ सकता हूं? उन्होंने कहा कि मोदी लहर में विरोधी तो डूबे, सिद्धू को भी डुबा दिया। सिंद्धू ने कहा कि वे एक बात साफ कर देते हैं कि पंजाब ऊपर उनके लिए कुछ नहीं है और जो पंजाब की भलाई चाहता होगा वे उन्हीं के साथ हैं। हालांकि वे किस पार्टी को ज्वाइंन करेंगे इस पर उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

'कैसे सिद्धू अपना वतन छोड़ दे'
सिद्धू ने कहा कि धर्मों में सबसे बड़ा धर्म राष्ट्र धर्म होता है। तो फिर कैसे सिद्धू अपना वतन छोड़ दे। ये पहली बार हुआ हो तो भी नाकाबिले बर्दाश्त है। ये तो तीसरी चौथी बार हो रहा है। जब मेरे साथ नाइंसाफी हुई। मैं पाकिस्तान में कमेंट्री कर रहा था। मुझे कहा गया आप इलेक्शन लड़ो। 14 दिन में इलेक्शन लड़ा। 6 बार का कांग्रेस का एमपी था। 14 दिन में अमृतसर के लोगों ने सवा लाख लोगों ने जिताया। अमृतसर को वचन दिया जबतक आपका एमपी रहूंगा पटियाला नहीं जाऊंगा।

उन्होंने बताया कि मॉरल ग्राउंड के ऊपर मैं दूसरी बार इलेक्शन लड़ा, फिर जीता। नॉर्थ इंडिया की 50 सीटों पर भाजपा का अकेला सिद्धू सांसद था। जब मोदी साहब की लहर आई तो विरोधी के साथ सिद्धू भी साफ हो गया। मुझे कुरुक्षेत्र और दिल्ली से टिकट देने की बात कही गई। मैंने मना कर दिया। मुझे कहा गया पंजाब छोड़कर चला जाए। अगर मुझे 100 बार अपने परिजन अपने परिवार और पजांब में से चुनने को कहा गया तो मैं सौ बार पंजाब को चुनुंगा।


मीडिया के सवालों से बचते हुए निकल गए सिद्धू
सिद्धू किस पार्टी को ज्वाइन करेंगे इस पर उन्होंने पत्ते नहीं खोले हां, इतना जरूर बोले की जो पंजाब की भलाई के लिए काम करेगा वे उनके साथ हैं। सिद्धू के भाजपा और राज्यसभा की मेंबरशिप छोड़ने के बाद यह माना जा रहा था कि आप उन्हें सीएम कैंडिडेट बना सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सिद्धू और आप में से किसी ने भी अपने पत्ते पूरी तरह से नहीं खोले हैं। प्रैस कांफ्रैंस के दौरान जब मीडियाकर्मियों ने उनसा पूछा कि क्या वे आप में जाएंगे तो इस सवाल पर सिद्धू बचते नजर आए और मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब दिए बिना ही वहां से निकल गए। फिलहाल सिद्धू ने इतना तो साफ कर दिया कि वे भाजपा से नाराज थे इसलिए इस्तीफा दिया लेकिन वे इस पर चुप हैं कि आखिर उनकी आगे की रणनीति क्या है?

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