ऑफ द रिकॉर्ड: 83 वर्षीय लीला भाई वाघेला का भी कटा टिकट, सुमित्रा महाजन नाराज

Thursday, Apr 04, 2019 - 04:59 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भाजपा उच्च कमान द्वारा गुजरात के पाटन क्षेत्र से लीला भाई वाघेला (83 वर्ष) को टिकट देने से इंकार किए जाने के साथ ही लोकसभा की निवर्तमान अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की इंदौर टिकट पर तलवार लटक गई है। लोकसभा चुनावों में 8 बार जीतने वाली सुमित्रा महाजन इस प्रतिष्ठित सीट से चुनाव लडऩे के लिए दो सप्ताह से इंतजार कर रही हैं। 

भाजपा उच्च कमान के व्यवहार से पार्टी की वयोवृद्ध नेता इतनी निराश हैं कि उन्होंने पिछले रविवार को इंदौर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मैं भी चौकीदार’ कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। इस कार्यक्रम से पहले विश्वास किया जाता रहा है कि भाजपा में ‘ताई’ के नाम से लोकप्रिय सुमित्रा को टिकट मिल जाएगा। उनकी दलील थी कि स्पीकर का पद कोई सरकारी पद नहीं, यह एक संवैधानिक पद है और 75 वर्ष का नियम इस मामले पर लागू नहीं किया जाना चाहिए लेकिन भाजपा नेतृत्व ने 75 वर्ष के ऊपर की आयु के 15 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है। 

इंदौर ही एक ऐसी सीट है जहां भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की। ‘मैं भी चौकीदार’ के कार्यक्रम में सुमित्रा की गैर-हाजिरी से ये अटकलें शुरू हो गईं कि सब कुछ ठीक नहीं। नाराज सुमित्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मैं भी चौकीदार’ के आह्वान के समर्थन में अपने आधिकारिक ट्विटर में भी ‘चौकीदार’ नहीं लिखा। हो सकता है कि उन्हें इस लंबित फैसले के बारे में जानकारी मिल गई हो और वह पिछले कुछ समय से मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। 

इस घटनाक्रम ने पार्टी में इंदौर की मेयर मालिनी गौड़ के समर्थकों को उत्साहित कर दिया है। वह भाजपा की वफादार हैं और पिछले दो वर्षों से देश में इंदौर को साफ-सुथरा शहर घोषित कराने पर गौरवान्वित हैं। प्रधानमंत्री उनकी कारगुजारी से बहुत खुश हैं और उन्हें प्रोत्साहन देना चाहते हैं। जब विधानसभा के चुनाव हुए थे तो उनको एम.एल.ए. की टिकट नहीं दी गई थी क्योंकि पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने टिकट अपने पुत्र को दे दी थी। अब उनको बता दिया गया है कि वह खुद को पश्चिम बंगाल तक ही सीमित रखें। इंदौर के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 अप्रैल है जहां मतदान 19 मई को होगा।

Pardeep

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